वाराणसी में कांग्रेस के दलित प्रकोष्ठ के चेयरमैन आलोक प्रसाद की गिरफ्तारी से कार्यकर्ता खफा

वाराणसी, 24 नवम्बर। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी दलित प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष आलोक प्रसाद की गिरफ्तारी का वाराणसी के कार्यकर्ताओं ने पुरजोर विरोध किया है। कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार को दलित विरोधी बता आलोक प्रसाद की तत्काल रिहाई की मांग भी की है।
मैदागिन स्थित कांग्रेस के महानगर कार्यालय में मंगलवार को डॉ. अम्बेडकर एम्प्लाइज फ़ेडरेशन उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के समन्यवक अमरनाथ पासवान, डॉ. अनूप श्रमिक, जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल, महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे संयुक्त रूप से पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि दलित विरोधी मानसिकता के चलते प्रदेश सरकार दलितों को सम्मान और सुरक्षा देने में नाकाम साबित हुई है। आरोप लगाया कि विगत कई महीनों में यूपी में दलित उत्पीड़न और अत्याचार के मामलों में लगातार वृद्धि हुई है। दलित बेटियों पर बलात्कार और हत्याओं से पूरा यूपी दहल गया है।
नेताओं ने हाथरस मामले का उल्लेख कर कहा कि जब तक न्यायालय ने इस प्रकरण को संज्ञान में नहीं लिया दलित विरोधी सरकार इस मामले में पूरी तरह शान्त रही। घटना को छिपाने के लिए रातों रात दलित बेटी के शव को पुलिस प्रशासन ने पेट्रोल डालकर जला दिया। इस तरह की जघन्य घटनाएं बुलन्दशहर, अमरोहा, कानपुर, गोरखपुर, आजमगढ़, कानपुर, गोण्डा, बस्ती, शाहजहांपुर, उन्नाव आदि जनपदों में घटित हुई हैं।
नेताओं ने सरकार को कटघरे में खड़ाकर कहा कि कांग्रेस पार्टी ही दलित हितैषी और दलितों के प्रति संवेदना रखती है। उनके साथ मजबूती से खड़ी रही। पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी स्वयं हाथरस जाकर पीड़ित परिवार से मिले और उनको न्याय दिलाया।
नेताओं ने कहा कि पार्टी का हर कार्यकर्ता दलित प्रकोष्ठ के चेयरमैन आलोक प्रसाद के साथ खड़ा है। पार्टी उन्हें न्याय दिलाने के लिए लगातार संघर्ष कर रही है। अमरनाथ पासवान ने कहा कि आलोक प्रसाद महामारी के समय भी दलितों के घर अनाज और दैनिक उपयोग की वस्तुएं पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचाते रहे। प्रदेश सरकार को यह सेवा भाव रास नहीं आया। उनकी सक्रियता केा देखते हुए झूठे आरोपों और मुकदमें में फंसाकर साजिशन उन्हें 14 अक्टूबर की रात्रि में उनके आवास से पुलिस ने जबरन गिरफ्तार कर असंवैधानिक रूप से जेल में डाल दिया गया।
नेताओं ने तंज कसते हुए कहा कि आज के समय में यदि कोई भी गरीबों, दलितों, मजलूमों के दुख में ढांढस बंधाये या मुसीबत में साथ दे तो यह सरकार उस पर फर्जी मुकदमें दर्ज कर जेल में डालने का काम करती है, इससे भाजपा का दलित विरोधी चेहरा उजागर हो गया है।