शिमला। हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन से अवरुद्ध सड़कों को खोलने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। बीते माह हुई व्यापक वर्षा से जगह-जगह पहाड़ दरकने, चट्टानें गिरने और जमीन धंसने से 700 से अधिक सड़कें बंद हो गई थीं। लोकनिर्माण विभाग ने ज्यादातर सड़कों को बहाल कर लिया है, लेकिन अभी भी 79 सड़कें बंद हैं। 13 सितम्बर से मानसून के एक बार फिर सक्रिय होने से लोगों को बारिश का सामना करना पड़ेगा।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार सुबह तक राज्य भर में दो नेशनल हाइवे सहित 79 सड़कें बंद हैं। वर्षा से सर्वाधिक प्रभावित मंडी जिला में 36 सड़कें बंद हैं। इसके अलावा कुल्लु में 20, शिमला में 12, सोलन और कांगड़ा में तीन-तीन, हमीरपुर में दो, चम्बा, किन्नौर और सिरमौर में एक-एक सड़क बंद है। कुल्लु जिला में बंजार को आनी से जोड़ने वाला नेशनल हाइवे-305 भी अवरुद्ध है। हालांकि, इस हाइवे को हल्के वाहनों को खोल दिया गया है। किन्नौर जिला के निगुलसुरी में नेशनल हाइवे-5 सभी तरह के वाहनों के लिए पूरी तरह अवरुद्ध है।
रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 55 बिजली ट्रांसफार्मर और नौ पेयजल परियोजनाएं भी ठप हैं। इनमें मंडी जिला में 47 ट्रांसफार्मर और आठ पेयजल परियोजनाएं बंद पड़ी हैं।
इस बीच मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 13 सितम्बर से मानसून के दोबारा सक्रिय होने की संभावना जताई है। केंद्र की ओर से 13 सितम्बर को राज्य के कुछ स्थानों पर गरज के साथ वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है। अगले तीन दिन भी मौसम के खराब रहने का अंदेशा है। बीते 24 घंटों के दौरान कांगड़ा में 44, धर्मशाला में 17, मंडी में तीन और नाहन व कल्पा में दो-दो मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई है। राजधानी शिमला व आसपास के क्षेत्र में आज सुबह से आसमान बादलों से घिरा है।
मानसून सीजन में अब तक हादसों में 417 मौतें, 39 लापता
हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन में भारी वर्षा, भूस्खलन और फ्लैश फ्लड से भारी नुकसान हुआ है। मानसून सीजन में अब तक वर्षा से जुड़े हादसों में 417 लोगों की जान गई है और 39 लापता हैं। 408 लोग घायल हुए हैं। भूस्खलन व बाढ़ की चपेट में आने से 144 लोग मारे गए हैं। अन्य वर्षा जनित हादसों में 273 लोगों की मौत हुई। मानसून सीजन में 2560 मकान, 318 दुकानें और 5689 पशुशालाएं पूरी तरह धराशायी हुईं हैं। 10896 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। बीते ढाई महीने में राज्य के 164 स्थानों पर भूस्खलन हुआ और 72 स्थानों पर बाढ़ आई। मानसून सीजन में प्रदेश के सरकारी विभागों को 8677 करोड़ का नुकसान आंका गया है।