बदायूं। बदायूं में गंगा नदी में डूबे MBBS के 5 छात्र डूब गए थे जिनमे 3 छात्रों की मौत हो गई। तीनों के शव भी बरामद कर लिए गए है। SDRF और गोताखोरों की टीम ने पवन, जय और नवीन के शव को बाहर निकाला। दो छात्रों को सुरक्षित निकाल लिया गया था।
बता दें कि कछला गंगा घाट पर शनिवार दोपहर नहाने गए एमबीबीएस के 5 छात्र डूब गए थे। कल अंकुश और प्रमोद यादव को बचा लिया गया था।
आपको बता दें कि SDRF की टीम ने रात में ही पुलिस के साथ सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। रात भर टीम छात्रों की तलाश में जुटी रही। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर मौजूद थे।
अनिल का शव मिलने के बाद भाई प्रिंस ने इस घटना के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना है- घाट के पास कहीं भी कोई खतरे का बोर्ड नहीं लगाया गया है। न ही गंगा की गहराई बताई गई है। अगर बोर्ड लगा होता तो लोग उसके आगे नहीं जाते।
गंगा में गोताखोर ने भी की तलाश
पांचों छात्र शनिवार दोपहर 1 बजे कछला घाट पर नहाने आए थे। तभी अचानक सभी छात्र डूबने लगे। उनके चीखने-चिल्लाने पर आस-पास स्नान कर रहे लोगों की उन पर नजर पड़ी। कुछ लोगों ने उन्हें बचाने के लिए गंगा में छलांग लगा दी थी।जिसके बाद राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले अंकुश (23) और गोरखपुर के प्रमोद यादव (22) को बचा लिया गया है। बलिया के पवन यादव (24), जौनपुर के जय मौर्य (26) और हाथरस के रहने वाले नवीन सेंगर (22) का शव नदी से बाहर निकाल लिया गया है। उनके शव घाट से 10 मीटर की दूरी पर मिले हैं।
अंकुश ने बताया, ”दोपहर लगभग 1 बजे हम 5 दोस्त कछला घाट पर नहाने गए थे। इस दौरान हम बोट से नदी में घूम रहे थे। तभी हम लोगों ने तय किया कि सभी गंगा जी में उतरते हैं।
इस बीच हम लोगों में से एक दोस्त तैरते हुए नदी के बीच में चला गया। कुछ देर बाद वह डूबने लगता है। उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर हम लोग घबरा जाते हैं। फिर उसे बचाने के लिए सभी उसके पास तैरकर जाते हैं। उस जगह पर पहुंचकर सभी डूबने लगते हैं।