नई दिल्ली। केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि घरेलू कोयला उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है। इस साल कुल कोयला उत्पादन एक अरब टन को पार करने की संभावना है। इससे 2025 तक बिजली क्षेत्र के लिए कोयला आयात घटकर 2 प्रतिशत रह जाएगा। वह बुधवार को वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के 9वें दौर के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मंत्री ने कहा कि इन कोयला खदानों को चालू करने में 30,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। एक बार जब ये खदानें पूरी तरह से चालू हो जाएंगी, तब प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग तीन लाख लोगों के लिए रोजगार पैदा करेंगी। मंत्री ने इस माैके पर असाधारण प्रदर्शन करने वाली कोयला और लिग्नाइट खदानों को स्टार रेटिंग पुरस्कार भी दिए और विशेष अभियान 3.0 के हिस्से के रूप में विभिन्न श्रेणियों में कोयला सीपीएसई को प्रमाण पत्र वितरित किए।
वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के 9वें दौर के तहत 26 और 7वें दौर के दूसरे प्रयास के तहत 5 सहित कुल 31 कोयला खदानें पेश की गई हैं। नीलाम की जा रही खदानें कोयला व लिग्नाइट वाले झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना राज्यों में फैली हुई हैं। भारत का कुल कोयला भंडार 344.02 बिलियन टन है और यह दुनिया में कोयले का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत में 72 प्रतिशत बिजली कोयले से उत्पन्न होती है।