नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुदा) घोटाले में राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को लाभ लेने वाला बताते हुए उनसे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग की है। उन्होंने कर्नाटक सरकार को कांग्रेस आलाकमान का एटीएम बताते हुए राहुल गांधी की भी आलोचना की। भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कर्नाटक एक शांतिपूर्ण और प्रोग्रेसिव राज्य है। लेकिन, पिछले एक साल के कांग्रेस राज में कर्नाटक घोटालों, महिलाओं पर अत्याचार और हत्याओं के लिए बदनाम हो गया है।
पहली बार राज्य की विधानसभा में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगे, मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों में भी ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगे। राज्य सरकार अपराधियों को बचाने का काम कर रही है। शोभा करंदलाजे ने ‘मुदा’ घोटाले में सीधे मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को राज्य की रक्षा, लोगों की रक्षा और राज्य के विकास से कोई लेना-देना नहीं है। वह स्वयं घोटाले में फंसे हुए हैं और राज्य में हर सप्ताह एक नया घोटाला सामने आ रहा है।
सिद्धारमैया पर सत्ता का दुरुपयोग करने और उनकी पत्नी पर गलत तरीके से लाभ लेने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि सत्ता में होने के कारण उन्होंने दबाव डालकर इसकी जांच के लिए एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन करवा दिया है। सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए थी। लेकिन, वे संवैधानिक पद पर हैं, इसलिए सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने मांग की कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को तुरंत पद से इस्तीफा देकर जांच का सामना करना चाहिए। उन्होंने वाल्मीकी विकास निगम में हुए घोटाले के लिए भी सिद्धारमैया को जिम्मेदार बताते हुए इस पैसे का इस्तेमाल तेलंगाना चुनाव में करने का आरोप लगाया। उन्होंने फंड ट्रांजैक्शन की डिटेल बताते हुए कहा कि कर्नाटक सरकार कांग्रेस आलाकमान का एटीएम बन चुका है।
कांग्रेस आलाकमान के कहने पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कल्याण का पैसा तेलंगाना के चुनाव में खर्च किया गया। दिल्ली में कांग्रेस नेता संविधान की किताब हाथ में लेकर शपथ ले रहे हैं और राज्य में संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं, राहुल गांधी इसका जवाब दें। उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए दोनों नेताओं को संविधान पढ़ने की भी सलाह दी। उन्होंने राज्य सरकार की कई अन्य योजनाओं और चुनावी गारंटियों का भी जिक्र करते हुए कर्नाटक सरकार और कांग्रेस पर कई अन्य गंभीर आरोप भी लगाए।