कोलकाता। पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने शनिवार को एक बड़ा विरोध-प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर से हुए बलात्कार और हत्या मामले में मुख्य आरोपियों संदीप घोष और अभिजीत मंडल को जमानत मिलने के खिलाफ था। आरोपियों को जमानत इसलिए मिली क्योंकि सीबीआई ने 90 दिनों के भीतर आरोप पत्र दायर नहीं किया था। कोलकाता के एक्साइड मोड़ से प्रदर्शन की शुरुआत हुई, जो निजाम पैलेस स्थित सीबीआई कार्यालय तक पहुंचा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए आरोप लगाया कि सीबीआई की लापरवाही के कारण आरोपियों को जमानत मिल गई, जबकि उनके खिलाफ पुख्ता सबूत मौजूद थे। निजाम पैलेस के गेट के पास विरोध प्रदर्शन के दौरान माहौल गरमा गया। इस दौरान पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच छोटी झड़प हो गई।
हालांकि, बाद में पुलिस अधिकारियों और पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष के बीच वार्ता के बाद स्थिति शांत हुई। कांग्रेस नेत्री दीपशिखा भौमिक ने कहा कि आज हम सड़क पर खड़े हैं क्योंकि एक बहुत बड़े मामले में सीबीआई ने खुलेआम मुख्य दोषियों को छोड़ दिया। इतने सारे सबूतों के बावजूद उन्हें क्यों छोड़ा गया? सीबीआई ने खुद कहा था कि आरोपियों ने सबूतों को नष्ट किया, फिर भी उन्हें जमानत मिल गई। यह भाजपा और तृणमूल के बीच सेटिंग का नतीजा है। सीबीआई का काम अब केवल निष्कर्ष न निकालने तक सीमित रह गया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव आशुतोष चटर्जी ने कहा कि हमारे राज्य में सेटिंग पीसी है, जो किसी भी मामले को खत्म कर देगा। ऊपर से प्रधानमंत्री भी सेटिंग अंकल बने हुए हैं।
सीबीआई और ईडी दोनों ने पश्चिम बंगाल में अपनी भूमिका पूरी तरह से नकार दी है। आरजी कर मामले में अभी तक न्याय नहीं मिला है और हम लगातार इस मुद्दे पर विरोध करते रहेंगे। कांग्रेस नेता जाहिद हुसैन ने कहा कि हम न्याय के लिए आज सड़क पर हैं। सीबीआई की लापरवाही के कारण दोषियों को बेल मिली है। यह स्थिति बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है। पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभांकर सरकार ने भी इस मामले पर अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले दिन से कह रही थी कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों का एक गुप्त समझौता है। दोनों सरकारें ड्रामा कर रही हैं, लेकिन असल में दोनों ने सेटिंग के आधार पर सरकार चला रखी है। आरजी कर मामले में अब तक न्याय नहीं मिला है और सीबीआई ने तीन महीने में आरोप पत्र भी दाखिल नहीं किया है। हम तब तक विरोध करते रहेंगे, जब तक हमें न्याय नहीं मिलता।