Friday, February 14, 2025

प्रदेश में सेब व्यवसाय काे 200 कराेड़ से बढ़ाकर 2000 कराेड़ तक पहुंचाने की याेजना

देहरादून। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सेब की अति सघन खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सेक्टर के तहत आठ वर्षों में 808.79 करोड़ रुपये की लागत से 5000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सेब की फसल की जा रही है। सेब के वर्तमान व्यवसाय 200 करोड़ रुपये को बढ़ाकर 2000 करोड़ रुपये किये जाने की योजना स्वीकृत की गई है।

यह बात कृषि मंत्री गणेश जोशी ने आज देर शाम मीडिया से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि सेब विकास योजना में कृषको को 60 प्रतिशत राज सहायता दी जा रही है और इस योजना के अर्न्तगत लगभग 45,000 से 50,000 रोजगार सृजन होंगे। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 2 लाख सेब के पौधे लगाए थे जबकि इस वर्ष 12 लाख के करीब पौधे लगाए है। उन्होंने बताया कि किसानों को पहले 60-40 की जगह अब कैबिनेट में मंजूरी के बाद 90-10 सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 50 हजार से अधिक पॉलीहाउस लगाने की योजना है, इसके लिए 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

राज्य में उच्च मूल्य वाली फसलों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना के तहत रूपये 16.56 करोड़ की कीवी योजना स्वीकृत करायी गयी, जिसके सापेक्ष 10 करोड़ अवमुक्त कर क्रियान्वयन किया जा रहा है। साथ ही सरकार द्वारा प्रदेश के समस्त पर्वतीय जनपदों में कीवी उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु कीवी मिशन योजना तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में केसर की खेती को बढावा देने के लिए सेलाकुई के समीप एक कृषक द्वारा नियन्त्रित वातावरण में प्रथमवार केसर का उत्पादन प्रारम्भ किया गया है। उन्होंने कहा कि मौनपालन के माध्यम से पर-परागण को बढ़ावा देने के लिए मौनपालन के माध्यम से औद्यानिक फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि के लिए मौनपालकों को पूर्व में देय अनुदान 350 प्रति मौनबॉक्स को बढ़ाकर 750 प्रति मौनबॉक्स किये जाने का निर्णय लिया गया है। उत्तराखण्ड राज्य में हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर सेब पैकिंग के लिए युनिवर्सल कॉर्टन पर कृषकों को 50 प्रतिशत अनुदान दिये जाने का निर्णय लिया गया है।

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि राजकीय उद्यान, चौबटिया में केन्द्रपोषित बागवानी मिशन योजना के तहत 671 लाख की लागत से सेब, अखरोट, खुबानी और प्लम जैसी फसलों पर आधारित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्वीकृति मिली है। यह केंद्र उन्नत पौध उत्पादन, नवीनतम तकनीकी प्रशिक्षण और गुणवत्ता परीक्षण में सहायता करेगा, जिससे राज्य के बागवानों को बड़ा लाभ मिलेगा। मिलेट्स फसलों के उत्पादन बढ़ाने और किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य में स्टेट मिलेट मिशन का संचालन किया गया है।

उन्होंने कहा कि रुद्रप्रयाग जनपद में उद्यान विभाग ने वर्ष 2020 में काश्तकारों को वितरित किए गए कागजी नींबू के पौधों में जंगली जामीर फल आने के मामले में जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट के बाद मैसर्स संजीवनी पौधशाला व तत्समय में नर्सरी के चयन के दौरान तथा पौधों के सत्यापन में हुई लापरवाही के लिए जांच रिपोर्ट के आधार पर अपर निदेशक डा0 आर0के0 सिंह एवं तत्समय के जिला उद्यान अधिकारी (सेवानिवृत) योगेन्द्र सिंह चौधरी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई आरंभ कर दी है। संबंधित नर्सरी के खिलाफ नर्सरी एक्ट और अन्य प्रचलित नियमों के तहत कार्रवाई करने तथा कालीसूची में डालने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। इस अवसर पर कृषि सचिव डॉ एसएन पांडे, कृषि महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान, शिविर निदेशक डॉ नृपेन्द्र चौहान, संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार, संयुक्त निदेशक डॉ रतन कुमार, बागवानी निदेशक महेंद्र पाल आदि मौजूद रहे।

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