वायरस से सुरक्षा बेहद जरूरी
Thu, 4 Aug 2022

वायरस जीवाणु हर जगह आसानी से अपना घर बना लेते हैं। इन जीवाणुओं को हम देख नहीं सकते परन्तु शरीर में प्रवेश करते ही ये शरीर का हुलिया बिगाड़ देते हैं। कुछ वायरस बहुत खतरनाक होते हैं जिनसे कई खतरनाक बीमारियां शरीर को लग जाती हैं।
ये जीवाणु हवा, पानी, मिट्टी में होते हैं जो अवसर पाते ही किसी न किसी रूप में शरीर में प्रविष्ट हो जाते हैं। इन जीवाणुओं से स्वयं को बचा पाना मुश्किल है। फिर भी कुछ बातों का ध्यान रखें तो कुछ सीमा तक हम अपने आप को उनसे बचाकर रख सकते हैं:-
अपने हाथों को साफ रखें। खाना खाने से पूर्व, खाना बनाने से पहले, काम समाप्त करने पर हाथों को अच्छी तरह साबुन से मल कर धोयें नहीं तो गंदे हाथ आपके मुंह, नाक, कान पर स्पर्श होने से वायरस आपके शरीर में प्रविष्ट कर जायेंगे जो किसी भी बीमारी के लिए खतरनाक सिद्ध हो सकते हैं।
घर में या घर के बाहर मिल बांट कर प्रयोग में आने वाली चीजों को अच्छी तरह से धो-पोंछ कर प्रयोग में लाएं। कोशिश करें कि नीचे पहनने के वस्त्र, कंघी, टूथब्रश, तौलिया आदि अपना अपना प्रयोग में लाएं और आवश्यकतानुसार उसे धोते और जरूरत होने पर बदलते रहें।
हाथ धोने वाले साबुन को प्रयोग करने से पहले उस पर कुछ खुला जल डालें। प्रयोग करने के बाद उसे धोकर रखें।
नल वगैरह पर भी थोड़ा पानी अवश्य डालें जिससे आपका संक्र मण दूसरों तक अनजाने में न पहुंच जाये।
कच्चे फल और सब्जियों को अच्छी तरह धोकर ही प्रयोग में लाएं।
कभी-कभी प्रयोग में लाए जाने वाले बर्तन, बाल्टी, मग, बच्चों के प्लास्टिक के खिलौने क्लोरीन युक्त पानी से धोकर खुले साफ पानी से धोयें। पुन: उसे साफ कपड़े से पोंछकर प्रयोग में लाएं।
यदि घर में पालतू जानवर हैं तो बच्चों को सिखाएं और स्वयं भी ध्यान रखें कि जब भी पालतू जानवर आपके शरीर के किसी अंग पर अपनी जीभ फेरे या लार लगाये तो शरीर के उस अंग को अच्छी तरह से साबुन के पानी से धोएं।
घर से बाहर जाते समय घर से पानी ले कर जायें। हो सके तो पानी उबाल कर पिएं।
नाक बहने पर, छींकें आने पर, खांसी होने पर, मुंह के आगे रूमाल रखकर खांसें और छींकें। नाक से बहने वाले पानी को, बलगम को, थूक को जगह-जगह न फैलायें। वाश बेसिन में नाक, गला साफ करके खुला पानी गिरा दें।
बाहर से घर आने पर हाथ मुंह अच्छी तरह धोकर घर के काम करें या चाय आदि पिएं।
प्रतिदिन साफ रूमाल प्रयोग में लायें।
किसी का जूठा और बचा हुआ भोजन न खायें। ठंडा भोजन न करें। भोजन अच्छी तरह गर्म कर के ही खायें।
नाक, कान में उंगली न डालें जिससे वायरस को शरीर में प्रवेश करने का अवसर न मिले।
नाखूनों की सफाई का विशेष ध्यान रखें। समय-समय पर नाखून काटते रहें और ध्यान रखें कि नाखूनों में गंद न फंसे।
-सुनीता गाबा
ये जीवाणु हवा, पानी, मिट्टी में होते हैं जो अवसर पाते ही किसी न किसी रूप में शरीर में प्रविष्ट हो जाते हैं। इन जीवाणुओं से स्वयं को बचा पाना मुश्किल है। फिर भी कुछ बातों का ध्यान रखें तो कुछ सीमा तक हम अपने आप को उनसे बचाकर रख सकते हैं:-
अपने हाथों को साफ रखें। खाना खाने से पूर्व, खाना बनाने से पहले, काम समाप्त करने पर हाथों को अच्छी तरह साबुन से मल कर धोयें नहीं तो गंदे हाथ आपके मुंह, नाक, कान पर स्पर्श होने से वायरस आपके शरीर में प्रविष्ट कर जायेंगे जो किसी भी बीमारी के लिए खतरनाक सिद्ध हो सकते हैं।
घर में या घर के बाहर मिल बांट कर प्रयोग में आने वाली चीजों को अच्छी तरह से धो-पोंछ कर प्रयोग में लाएं। कोशिश करें कि नीचे पहनने के वस्त्र, कंघी, टूथब्रश, तौलिया आदि अपना अपना प्रयोग में लाएं और आवश्यकतानुसार उसे धोते और जरूरत होने पर बदलते रहें।
हाथ धोने वाले साबुन को प्रयोग करने से पहले उस पर कुछ खुला जल डालें। प्रयोग करने के बाद उसे धोकर रखें।
नल वगैरह पर भी थोड़ा पानी अवश्य डालें जिससे आपका संक्र मण दूसरों तक अनजाने में न पहुंच जाये।
कच्चे फल और सब्जियों को अच्छी तरह धोकर ही प्रयोग में लाएं।
कभी-कभी प्रयोग में लाए जाने वाले बर्तन, बाल्टी, मग, बच्चों के प्लास्टिक के खिलौने क्लोरीन युक्त पानी से धोकर खुले साफ पानी से धोयें। पुन: उसे साफ कपड़े से पोंछकर प्रयोग में लाएं।
यदि घर में पालतू जानवर हैं तो बच्चों को सिखाएं और स्वयं भी ध्यान रखें कि जब भी पालतू जानवर आपके शरीर के किसी अंग पर अपनी जीभ फेरे या लार लगाये तो शरीर के उस अंग को अच्छी तरह से साबुन के पानी से धोएं।
घर से बाहर जाते समय घर से पानी ले कर जायें। हो सके तो पानी उबाल कर पिएं।
नाक बहने पर, छींकें आने पर, खांसी होने पर, मुंह के आगे रूमाल रखकर खांसें और छींकें। नाक से बहने वाले पानी को, बलगम को, थूक को जगह-जगह न फैलायें। वाश बेसिन में नाक, गला साफ करके खुला पानी गिरा दें।
बाहर से घर आने पर हाथ मुंह अच्छी तरह धोकर घर के काम करें या चाय आदि पिएं।
प्रतिदिन साफ रूमाल प्रयोग में लायें।
किसी का जूठा और बचा हुआ भोजन न खायें। ठंडा भोजन न करें। भोजन अच्छी तरह गर्म कर के ही खायें।
नाक, कान में उंगली न डालें जिससे वायरस को शरीर में प्रवेश करने का अवसर न मिले।
नाखूनों की सफाई का विशेष ध्यान रखें। समय-समय पर नाखून काटते रहें और ध्यान रखें कि नाखूनों में गंद न फंसे।
-सुनीता गाबा