Monday, December 23, 2024

जाम हटाकर किसान बैठे कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर, बकाया गन्ना भुगतान की कर रहे हैं मांग

शामली। शामली की सर शादीलाल शुगर मिल पर वर्ष 2022-2023 के करीब 200 करोड रुपए के बकाया गन्ना भुगतान की मांग को लेकर शामली के किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं। किसानों ने पहले 10 दिनों तक शामली की शुगर मिल में प्रदर्शन किया, उसके बाद शामली कलेक्ट्रेट चौराहे पर दो दिनों तक जाम लगाकर प्रदर्शन करते रहे, बुधवार की दोपहर को सभी किसानो ने अधिकारियों के आश्वासन पर जाम तो खोल दिया लेकिन कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठ गए। किसान नेताओं का कहना है कि जब तक मय ब्याज के बकाया गन्ना भुगतान नहीं होता, तब तक उनका धरना प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा।

आपको बता दें कि शामली की सर शादीलाल शुगर मिल पर गन्ना किसानों का वर्ष 2022-23 का करीब 200 करोड रुपए बकाया गन्ना भुगतान है। वर्ष 2023-24 गन्ने के भुगतान तो मिल ने समय पर कर दिया था। शामली की शुगर मिल के मालिक ने एक निजी कंपनी को मिल बेच दी, जिस कंपनी ने शुगर मिल को खरीद उसने वर्ष 2023-2024 का तो संपूर्ण गन्ना भुगतान कर दिया, लेकिन किसानों का वर्ष 2022-2023 का गन्ना भुगतान अटक गया।

 

इस बकाया गन्ने के भुगतान की मांग को लेकर किसान लगातार आंदोलनरत है। पिछले एक माह से लगातार शामली में किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। पहले किसानों के आंदोलन को राष्ट्रीय लोकदल के सदर विधायक प्रसन्न चौधरी व एडीएम संतोष कुमार सिंह ने मिल प्रबंधन में किसानों के बीच वार्ता कर किस्तों में बकाया गन्ना भुगतान दिलाए जाने का आश्वासन दिया था। जिसमें 45 करोड रुपए की एक किस्त गन्ना किसानों को भेज दी गई थी और बाकी किस्तों के अनुसार गन्ना भुगतान कराया जाना था। लेकिन मिल प्रबंधन ने वादे के गन्ना किसानों का बकाया भुगतान नहीं किया जिस पर किसान पुनः आंदोलन की राह पर उतर आए। 10 दिनों तक लगातार गन्ना किसान शुगर मिल के अंदर बैठ गए और धरना प्रदर्शन करते रहे।

 

जब किसानों की एक न सुनी गई तो गुस्सा एक किसानों ने शामली कलेक्ट्रेट की और कुच किया, जिस पर कलेक्ट्रेट परिसर को पुलिस प्रशासन ने छावनी में तब्दील कर दिया, तो गुस्साए किसानों ने कलेक्ट्रेट चौराहे को ही जाम कर दिया। दो दिनों तक किसानों ने सड़क को रोके रखा, अधिकारियों के आश्वासन पर किसानों ने जाम तो खोल दिया लेकिन किसान कलेक्ट्रेट परिसर में ही धरना प्रदर्शन करने लगे। किसान नेता संजीव शास्त्री का कहना है कि जब तक गन्ना किसानों को मय ब्याज के बकाया भुगतान नहीं मिलता, तब तक उनका यह प्रदर्शन जारी रहेगा।

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