नवंबर में करें गुजरात जीरा 4 की खेती और कमाएं लाखों रुपए, सालभर मांग रहने वाली इस सुगंधित फसल से किसानों की चमकेगी किस्मत
अगर आप खेती-किसानी से जुड़े हैं और ऐसी फसल की तलाश में हैं जिससे सालभर मुनाफा हो तो आज हम आपको एक ऐसी मसालेदार फसल के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी खुशबू ही नहीं बल्कि इसकी कीमत भी हर किसान को खुश कर देती है। जी हां हम बात कर रहे हैं जीरे की खेती की खासकर गुजरात जीरा 4 किस्म की जो किसानों के लिए सोने पर सुहागा साबित हो रही है। इसकी खेती से किसान हर साल लाखों रुपए तक का मुनाफा कमा रहे हैं क्योंकि इसकी मांग देश-विदेश के बाजारों में हमेशा बनी रहती है।
गुजरात जीरा 4 किस्म की खेती नवंबर महीने में करना सबसे उपयुक्त माना जाता है। इसके लिए मिट्टी का चयन बहुत अहम होता है। अगर आपके खेत की मिट्टी बलुई दोमट या सामान्य दोमट है और उसमें पानी रुकता नहीं है तो ये फसल वहां बहुत अच्छी तरह बढ़ती है। बुवाई के समय किसान को ध्यान देना चाहिए कि बीज की मात्रा लगभग 6 से 8 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर ही उपयोग करें। कतारों के बीच 30 सेंटीमीटर और पौधों के बीच 10 सेंटीमीटर की दूरी रखनी चाहिए ताकि पौधों को पर्याप्त हवा और पोषण मिल सके।
बुवाई के तुरंत बाद पहली सिंचाई करनी चाहिए और फिर हर 12 से 15 दिन के अंतराल पर हल्की सिंचाई देते रहना चाहिए। इस किस्म को जैविक रूप से उगाने के लिए गोबर की खाद सबसे उपयुक्त रहती है। प्रति हेक्टेयर 15 से 20 टन गोबर की खाद डालने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और उत्पादन में सुधार होता है। गुजरात जीरा 4 किस्म की फसल 105 से 110 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है और फसल पकने के बाद उसकी सुगंध खेत से ही महसूस की जा सकती है।
जब फसल तैयार हो जाती है तो किसान की मेहनत का असली इनाम मिलता है। एक हेक्टेयर क्षेत्र में किसान को औसतन 10 से 12 क्विंटल तक उपज मिल सकती है और बाजार में इसकी औसत कीमत ₹18,600 से ₹19,000 प्रति क्विंटल तक होती है। यानी केवल एक हेक्टेयर में जीरे की खेती कर किसान लाखों रुपए की आय प्राप्त कर सकता है। इसकी क्वालिटी और खुशबू इतनी उम्दा होती है कि इसका निर्यात भी किया जाता है। यही कारण है कि गुजरात जीरा 4 किस्म किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर बन चुकी है।
अगर आप भी अपनी खेती से ज्यादा मुनाफा चाहते हैं तो इस किस्म की खेती को एक बार जरूर अपनाएं। थोड़ी सी मेहनत और सही तकनीक के साथ आप भी इस मसालेदार फसल से भरपूर आय का आनंद उठा सकते है
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई कृषि संबंधी सलाह को अपनाने से पहले अपने क्षेत्र के कृषि विशेषज्ञ या कृषि विज्ञान केंद्र से परामर्श जरूर लें ताकि स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार सही निर्णय लिया जा सके।
