ठंडी के मौसम में करें यह पत्तेदार खेती और कमाएं बंपर मुनाफा, बीज और पत्तियों दोनों से होगी डबल कमाई
आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसी पत्तेदार फसल की जो कम लागत में ज्यादा मुनाफा देती है और जिसकी डिमांड पूरे साल बाजार में बनी रहती है जी हां हम बात कर रहे हैं धनिया की खेती की धनिया एक सुगंधित और पोषक तत्वों से भरपूर फसल है जिसका उपयोग हर रसोई में रोजाना किया जाता है यही वजह है कि इसकी मांग कभी कम नहीं होती
सिम्पो एस 33 किस्म की खासियत
सिम्पो एस 33 किस्म को व्यावसायिक खेती के लिए सबसे बेहतरीन माना जाता है क्योंकि यह उकठा और स्टेमगाल जैसे रोगों के प्रति सहनशील होती है यानी इस पर बीमारियों का असर बहुत कम होता है जिससे किसान को नुकसान नहीं झेलना पड़ता साथ ही यह किस्म पत्तियों और बीज दोनों के लिए उपयोगी है जिससे एक ही फसल से किसान दोहरा फायदा उठा सकते हैं
इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत इसकी तेज सुगंध और उच्च गुणवत्ता है जिसकी वजह से इसकी मार्केट में जबरदस्त डिमांड रहती है हरी पत्तियों के लिए इसकी कटाई बुवाई के 30 से 35 दिन बाद की जा सकती है जबकि बीज उत्पादन के लिए फसल लगभग 120 से 130 दिनों में तैयार होती है
खेती के लिए जमीन और देखभाल
सिम्पो एस 33 की खेती के लिए उपजाऊ और पानी धारण करने वाली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त रहती है इसकी बुवाई रबी सीजन में की जाती है बुवाई से पहले खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए और बीजों को उचित उपचार देना चाहिए जिससे रोगों से बचाव हो सके इसके साथ ही खेत में बेसल डोज के रूप में जैविक खाद या गोबर की खाद मिलाना बहुत फायदेमंद रहता है
बुवाई के बाद खेत में नमी बनाए रखना जरूरी होता है क्योंकि उचित नमी से अंकुरण जल्दी होता है और पौधे स्वस्थ विकसित होते हैं सिंचाई की व्यवस्था मौसम और मिट्टी के अनुसार करनी चाहिए ताकि पौधों को पर्याप्त पानी मिलता रहे
उपज और मुनाफा
धनिया की सिम्पो एस 33 किस्म की उपज क्षमता अन्य किस्मों की तुलना में काफी अधिक होती है एक एकड़ में इसकी खेती से लगभग 7.2 से 8 क्विंटल बीज उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है और यदि हरी पत्तियों की बिक्री की जाए तो अतिरिक्त मुनाफा भी कमाया जा सकता है बाजार में इस किस्म की सुगंध और क्वालिटी की वजह से इसका रेट भी अच्छा मिलता है
अगर किसान इसे सही समय और देखभाल के साथ उगाते हैं तो यह फसल बहुत जबरदस्त प्रॉफिट देती है यानी कम खर्च और ज्यादा आमदनी यही वजह है कि आज देशभर के किसान धीरे-धीरे सिम्पो एस 33 किस्म की ओर रुख कर रहे हैं
