देसी टमाटर की यह Natural Taste वाली Rare Variety सर्दियों में घर घर उगाई जाती है स्वाद ऐसा कि लोग बेचते नहीं खुद खाना पसंद करते हैं
आज हम आपके लिए एक ऐसा खास लेख लेकर आए हैं जिसमें उस देसी टमाटर के बारे में बताया गया है जिसे किसान बेचने से ज्यादा खुद खाने के लिए उगाते हैं। यह टमाटर बाजार में तो बहुत कम दिखाई देता है लेकिन गांवों में इसकी पहचान और इसकी मांग दोनों ही अलग स्तर पर होती है। खास बात यह है कि यह टमाटर ठंड के मौसम में ही मिलता है और इसकी खुशबू और स्वाद किसी भी सब्जी को खास बना देता है।
देसी टमाटर क्यों है इतना खास
गांवों में लोग इसे सर्दी के मौसम में अपने घरों के आसपास लगाना पसंद करते हैं क्योंकि इसकी ताजगी और खट्टापन सब्जियों में एकदम देसी स्वाद लेकर आता है। इसकी पहचान ही इसके प्राकृतिक स्वाद और खुशबू में छिपी होती है।
स्वाद में नंबर वन देसी टमाटर
इस टमाटर का स्वाद खट्टापन लिए होता है जो हर डिश को खास बनाता है। इसे कच्चा खाना हो या भूनकर चखना हो हर तरीके से यह मुंह में अलग ही मजा घोल देता है। इसका पतला बकला इसे बेहद रसदार बनाता है और यही वजह है कि यह मंडियों तक पहुंचने से पहले ही जल्दी खराब हो जाता है।
यही कारण है कि किसान इसे बड़े पैमाने पर बेचने के बजाय अपने घर की रसोई के लिए उगाते हैं। विदेशी या हाइब्रिड टमाटर भले ही दबाव सह लेते हैं लेकिन देसी टमाटर का स्वाद उनसे कई गुना बेहतर माना जाता है।
देसी टमाटर की कीमत और बाजार में पहचान
देसी टमाटर बड़ी मंडियों में कम ही पहुंच पाता है क्योंकि इसका बकला बहुत पतला होता है और थोड़ा सा दबते ही खराब होने लगता है। लेकिन लोकल बाजारों में इसकी मांग बहुत ज्यादा होती है और यह हाइब्रिड टमाटरों से महंगा बिकता है।
अगर हाइब्रिड टमाटर का भाव दस रुपए किलो मिलता है तो देसी टमाटर पंद्रह रुपए किलो तक बेचा जाता है। लोग इसके स्वाद के कारण इसे ज्यादा दाम देकर भी खरीदना पसंद करते हैं क्योंकि यह घर के खाने में एक अलग ही देसी स्वाद ले आता है।
देसी टमाटर सिर्फ एक सब्जी नहीं बल्कि एक ऐसा स्वाद है जो गांवों की मिट्टी और पुराने घरेलू स्वाद की याद दिलाता है। बाजार में भले ही हाइब्रिड टमाटर की भरमार हो पर देसी टमाटर की पहचान उसके प्राकृतिक स्वाद और सुगंध में ही बसती है।
