Wednesday, January 22, 2025

भाजपा का बुलडोजर अब दिवंगतों के मान-सम्मान पर भी चलने लगा – अखिलेश यादव

लखनऊ। दिवंगत पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी की जयंती पर उनके पैतृक गांव में प्रतिमा लगाने के लिए बन रहे चबूतरे को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया है। बताया जा रहा है कि ग्राम पंचायत की भूमि पर बिना अनुमति के चल रहे निर्माण पर यह कार्यवाही हुई है। इसे लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधा। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट किया, ”अब तक भाजपा का बुलडोजर दुकान-मकान पर चलता था, अब दिवंगतों के मान-सम्मान पर भी चलने लगा है। चिल्लूपार के सात बार विधायक रहे उप्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व. श्री हरिशंकर तिवारी जी की जयंती पर उनकी प्रतिमा के प्रस्तावित स्थापना स्थल को भाजपा सरकार द्वारा तुड़वा देना, बेहद आपत्तिजनक कृत्य है। प्रतिमा स्थापना स्थल का तत्काल पुनर्निर्माण हो, जिससे जयंती दिवस 5 अगस्त को प्रतिमा की ससम्मान स्थापना हो सके।

 

 

 

निंदनीय!” इससे पहले दिवंगत हरिशंकर के बेटे और पूर्व सांसद भीष्म शंकर तिवारी उर्फ कुशल ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि यह राजनैतिक अराजकता है, प्रशासनिक गुंडई है या सत्ता का अहंकार, नीचता निकृष्टता की पराकाष्ठा या व्यक्तिगत शत्रुता ब्राह्मण, स्वाभिमान को चुनौती या समूची इंसानियत की हत्या, यह निर्णय समय पर चिल्लूपार विधानसभा के लोग तो करेंगे ही देश और प्रदेश के निवासियों को भी करना है। उन्होंने लिखा कि लगातार चिल्लूपार से सात बार विधायक और सन 1996 से 2007 तक उत्तर प्रदेश की भिन्न-भिन्न सरकारों में कैबिनेट मंत्री रहे सम्मान व स्वाभिमान के प्रतीक स्व. पण्डित हरि शंकर तिवारी के जन्म दिवस 5 अगस्त को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने का मन बनाकर मेरे गांव टाड़ा के ग्राम प्रधान और ग्राम प्रबंध समिति के लोगों ने गांव के मुख्य द्वार का नामकरण उनके नाम पर करने और वहीं बगल में उनकी प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया। विधिक रूप से प्रस्ताव बनाकर उसे स्वीकृति के लिए उपजिलाधिकारी तहसील गोला को भेजा गया और अपनी तैयारी में लग गए। स्व. पंडित हरिशंकर तिवारी के कद पद प्रतिष्ठा सम्मान के अनुरूप उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देने के लिए गांव के लोगों के अलावा अन्य कई वरिष्ठ नेताओं, पूर्व मंत्रियों और क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति होनी है।

 

 

स्वाभाविक रूप से इस आयोजन को एक भव्य स्वरूप देने की तैयारी चल रही थी। अचानक 31 जुलाई को मूर्ति स्थापना के लिए बने चबूतरे को ढहाने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल के साथ बुलडोजर वाली सरकार बुलडोजर के साथ पहुंची और चबूतरे को ढहा दिया। अब आप इसे क्या कहेंगे। जिस व्यक्ति को मृत्योपरांत गॉड ऑफ ऑनर देकर इसी सरकार में सम्मानित किया गया हो, जो व्यक्ति कल्याण सिंह की सरकार में भी उनका सहयोगी मंत्री रहा हो। जिस व्यक्ति को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के सानिध्य में भी सम्मान मिलता रहा हो। मुलायम सिंह यादव, मायावती की सरकारों ने भी जिन्हें कैबिनेट मंत्री बनाकर लगातार सम्मानित किया हो और जो ब्राह्मण अस्मिता के पर्याय रहे हों।

 

 

 

गांव में उनकी मूर्ति स्थापित हो यह निर्णय हम उनके बेटों का नहीं था। यह निर्णय गांव के लोगों का है। गांव के नागरिकों द्वारा निर्वाचित ग्राम प्रधान और ग्राम प्रबंध समिति पर अब यह हमारे स्वाभिमान का विषय भी बनता है और मेरे ही नहीं यह व्यवहार किसी भी स्वाभिमानी पिता के स्वाभिमानी पुत्र के साथ होता हो तो उसे सहन नही करना चाहिए। हम भी नहीं करेंगे। इस अराजकता का जवाब कानून और व्यवस्था के दायरे में रहकर जरूर देंगे। आप सभी का स्नेह सहयोग समर्थन की अपेक्षा रहेगी। हम अपने सहयोगियों और समर्थकों से धैर्य और शांति बनाए रखने की अपील करते हैं। इस अनीति का जवाब कानून के दायरे में रहकर दिया जाएगा।

 

 

तहसीलदार बृजमोहन शुक्ला ने कहा कि ग्राम सभा की जमीन पर हरिशंकर की प्रतिमा लगाने के लिए फाउंडेशन तैयार हो रहा था। शिकायत की गई कि ग्राम सभा की जमीन पर अवैध रूप से फाउंडेशन तैयार किया जा रहा है। यह जांच में सही पाया गया। नियम के अनुसार, न तो कोई प्रस्ताव बना है और न ही किसी प्रकार की अनुमति ली गई थी। इसके बाद अधिकारियों ने उसे हटाने के लिए कहा था। जब नहीं हटा तो इसके बाद ध्वस्तीकरण की कार्यवाही हुई है।

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