नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को 13 दिसंबर, 2023 को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में छह आरोपियों को 27 जनवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
आरोपी मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम आजाद, ललित झा और महेश कुमावत की पुलिस हिरासत की अवधि खत्म होने पर उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहां पटियाला हाउस कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने इन सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
न्यायाधीश ने दिल्ली पुलिस द्वारा दायर एक आवेदन पर आदेश पारित किया, जिसमें जांच जारी रहने के कारण सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत की मांग की गई थी।
सुनवाई के दौरान नीलम आजाद ने आरोप लगाया कि एक महिला अधिकारी ने पिछले शुक्रवार को उनसे 50 से अधिक खाली कागजों पर जबरन हस्ताक्षर कराए थे। विशेष लोक अभियोजक अखंड प्रताप सिंह ने आरोप पर आपत्ति जताई, लेकिन अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें दर्ज कीं।
पिछली सुनवाई के दौरान नीलम को छोड़कर छह आरोपियों में से पांच ने अदालत के समक्ष पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के लिए अपनी सहमति दी थी, जैसा कि दिल्ली पुलिस ने मांग की थी। पुलिस के आवेदन में कहा गया था कि जांचकर्ताओं को अधिक विवरण प्राप्त करने की जरूरत है, ताकि केस को मजबूत बनाया जा सके और पूरी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए और सबूत जुटाए जा सकें।
पुलिस ने मनोरंजन और सागर का ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट कराने की भी इजाजत मांगी थी।
साल 2001 के संसद हमले की 22वीं बरसी पर 13 दिसंबर, 2023 को दोनों ने दर्शक दीर्घा से कूदने के बाद लोकसभा कक्ष के अंदर पीले धुएं का गुब्बारा फोड़ दिया था, तभी सदन में मौजूद दो सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया था और पीटने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया था। दो अन्य – नीलम और शिंदे ने भी संसद के बाहर रंगीन धुएं के डिब्बे फोड़े और सरकार विरोधी नारे लगाए। माना जाता है कि बिहार के मिथिलांचल निवासी ललित झा को पूरी योजना का मास्टरमाइंड माना जाता है, जो कथित तौर पर चार अन्य लोगों के मोबाइल फोन लेकर भाग गया था। झा ने माता-पिता के साथ कोलकाता में रहकर पढ़ाई की थी।