मुजफ्फरनगर। गांधी कालोनी कोआपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में वित्तीय अनियमितता, कथित गबन, सोसायटी के बैंक खातों का गलत ढंग से संचालन करने के आरोपों के साथ ही सम्पत्तियों को खुर्द-बुर्द करने और सम्पत्तियों का अवैध रूप से हस्तांतरण करते हुए अनैतिक ढंग से वित्तीय लाभ प्राप्त करने के आरोपों को लेकर शासन ने गंभीरता दिखाई है।
करीब एक साल से चल रही मामले की जांच को लेकर अब अपर आवास आयुक्त ने सोसायटी के सभापति और सचिव को लखनऊ तलब करते हुए वित्तीय घोटाले को लेकर जवाब मांगा है। इसके साथ ही पेश नहीं होने पर सोसायटी के बैंक खातों और वित्तीय अधिकारों पर रोक लगाने की चेतावनी भी दी गई है। अपर आवास आयुक्त द्वारा इस पूरे प्रकरण के जांच अधिकारी सहकारी अधिकारी आवास को इस प्रकरण में जांच कर आख्या स्पष्ट संस्तुति के साथ तत्काल उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित भी किया गया है।
बताया जा रहा है कि गत वर्ष रामलीला टिल्ला निवासी सुशील शर्मा, गांधी कालौनी निवासी विजय कुमार के साथ ही अन्य लोगों ने जिला प्रशासन के साथ ही सहकारी अधिकारी आवास सहारनपुर और उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद् सहकारिता अनुभाग लखनऊ में शिकायत करते हुए गांधी कालोनी कोआपरेटिव हाउसिंग सोसायटी लि. के सभापति पवन छाबड़ा के खिलाफ अपने पद का दुरुपयोग करते हुए मनमाने ढंग से फैसले लागू करने और वित्तीय अनियमितता कर करोड़ों रुपये की धनराशि का गबन करने के आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी।
इस प्रकरण में उनके द्वारा मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें शासन द्वारा उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद् सहकारिता अनुभाग को जांच और कार्यवाही करने के आदेश जारी किये थे। करीब एक साल से इस प्रकरण में शासन और जिला प्रशासन के द्वारा जांच का दौर चलाया जा रहा है।
विजय कुमार द्वारा नौ बिन्दुओं पर की गई शिकायत में सोसायटी के सभापति पवन छाबड़ा पर कई गंभीर आरोप लगाये गये, इनमें कहा गया कि गांधी कालोनी में कई स्थानों पर बिना निविदा प्रक्रिया के पुराना लोहा और अन्य सामान कबाड़ी से खरीदकर गेट लगवा दिये गये। इनका भुगतान कूटरचित दस्तावेज बनाकर नये लोहे और नये सामाने के रूप में अपने मित्र की फर्म को कर धनराशि की बंदरबांट कर ली गई। आरोप है कि गांधी कालोनी में पथ प्रकाश के लिए नगरपालिका द्वारा लगवाई गई स्ट्रीट लाइटों को उतरवाकर उनको ही दूसरे खम्भों पर लगवाने के बाद उनका सोसायटी फंड से भुगतान कराया गया।
वर्ष 2023 में नगरपालिका सभासद पद के चुनाव में सभापति पवन छाबड़ा ने अपने भाई प्रेम कुमार को सहयोग करने के लिए पद का दुरुपयोग कर गली नम्बर दस में दस स्ट्रीट लाइट प्रशासन को गुमराह कर लगवा दी , इसके लिए सोसायटी संचालक मण्डल से न तो प्रस्ताव पारित कराया गया और न ही निविदा आमंत्रित की गई। आनन-फानन में भुगतान भी कर दिया गया।
आरोप है कि गांधी कालोनी निवासी ममता सिंघल का गली नम्बर 21 में स्थित मकान तत्कालीन सहकारी अधिकारी आवास से मिलीभगत करते हुए अवैध रूप से बिना बैनामा और स्टाम्प शुल्क जमा कराये ही सुरेन्द्र सिंह मुंजाल के नाम में हस्तांतरित कर लाखों रुपये का अनुचित लाभ अर्जित किया और सोसायटी व प्रशासन को राजस्व की हानि पहुंचाई गई। आरोप है कि सोसायटी की सम्पत्ति गांधी वाटिका में पंजाबी धर्मार्थ चिकित्सालय के हॉल का निर्माण पूर्व सांसद मालती शर्मा और पूर्व मंत्री चितरंजन स्वरूप ने अपनी निधि से सहयोग कर बनवाया था। सभापति पवन कुमार ने संचालक मंडल के प्रस्ताव के बिना उसको व्यावसायिक उपयोग में परिवर्तित करते हुए बिना तकनीकी सलाह के पिलर हटवा दिये और मैरिज हॉल बनाकर किराये पर चलाने लगे, लेकिन इससे अर्जित आय का उनके द्वारा कोई भी हिसाब किताब सोसायटी संचालक मंडल को नहीं दिया। आरोप है कि इसमें लाखों रुपये डकार लिये गये।
सभापति पर यह भी आरोप है कि उनके द्वारा सोसायटी के सदस्यों की पत्रावलियों को कार्यालय से अपने घर पर ले जाकर रखी हुई हैं और उनमें साजिश के तहत मनमाने ढंग से गलत रिपोर्ट लगाई गई है, जिसकी जांच की मांग की गयी है। सोसायटी के वित्तीय प्रबंधन के लिए दो बैंक खाते संचालित किये जा रहे हैं। इनमें से एक खाते का उद्देश्य सोसायटी को प्राप्त होने वाले दान की धनराशि का विवरण रखना था, लेकिन सोसायटी प्रबंधन ने प्राप्त हुआ दान का पैसा इस खाते में जमा ही नहीं कराया और न ही प्राप्त दान के लिए कोई रिकार्ड का रखरखाव किया गया। नगद रूप में दान की धनराशि सभापति पवन कुमार प्राप्त करते हैं। आरोप है कि इसमें भी लाखों रुपये की धनराशि की बंदरबांट की गई है।
सभी शिकायतों का संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद् सहकारिता अनुभाग के अपर आवास आयुक्त/अपर निबंधक विनय मिश्र ने गांधी कालोनी कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी लि. के सभापति और सचिव को नोटिस जारी करते हुए आरोपों के सम्बंध में जांच के लिए जवाब दाखिल करने के लिए तलब किया है। पदाधिकारियों को 12 अगस्त की प्रात: 11 बजे लखनऊ स्थित परिषद् कार्यालय में उपस्थित होने के निर्देश दिये गये हैं। इसके साथ ही अपर आवास आयुक्त द्वारा सभापति पवन छाबड़ा को चेतावनी दी गई कि यदि वो नियत तिथि पर भौतिक रूप से पेश नहीं होते और साक्ष्यों सहित जवाब दाखिल नहीं करते हैं, तो इस स्थिति में उनको दोषी मानते हुए सोसायटी के बैंक खातों के परिसंचालन को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया जायेगा।
अपर आवास आयुक्त ने इस प्रकरण में जांच अधिकारी बनाये गये सहकारी अधिकारी आवास सहारनपुर अरिमर्दन सिंह गौर को भी निर्देश दिये हैं कि वो शिकायतों के सम्बंध में जांच करते हुए जांच आख्या स्पष्ट संस्तुति के साथ तत्काल उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
सोसायटी के छह संचालक, दो ने मकान बेचा, फर्जी तरीके से हो रहे साइन
कोरोना महामारी के दौरान भी फर्जी कार्य दर्शाकर समिति फंड से लाखों रुपये का भुगतान फर्जी बिलों पर करा लिया गया। वर्तमान में समिति के छह संचालकों में से दो, तो अपना मकान बेचकर चले गये, इस कारण वो स्वत: ही सोसायटी में संचालक नहीं रह सकते हैं। इसके बावजूद भी उन दोनों संचालकों के प्रोसेडिंग और अन्य दस्तावेजों पर सभापति द्वारा हस्ताक्षर कराये जा रहे हैं, इसमें भी शासन को शिकायत की गई, जिसकी अलग से जांच की जा रही है।