नई दिल्ली। दिल्ली की आप सरकार ने उपराज्यपाल (एल-जी) कार्यालय पर उनके इस दावे को लेकर निशाना साधा है कि दिल्ली शिक्षा विभाग का “उदासीन और अमानवीय रवैया” विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारियों के लिए संशोधित सुनिश्चित करियर प्रगति योजना (एमएसीपी) के लाभों को रोक रहा है।
दिल्ली सरकार ने कहा कि उपराज्यपाल कार्यालय सब कुछ नियंत्रित कर रहा है और आठ साल की देरी के लिए वे ही जिम्मेदार हैं।
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने बुधवार को आदेश दिया कि एमएसीपी योजना का लाभ शिक्षा विभाग के सेवानिवृत्त प्राचार्यों, ईओ, डीईओ, डीडीई को दिया जाए।
एलजी कार्यालय ने कहा, “वर्ष 2008 से शिक्षा विभाग के ये सेवानिवृत्त अधिकारी वित्तीय उन्नयन के लिए पात्र होने और विभिन्न न्यायालयों और यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी पात्रता को बरकरार रखने के बावजूद इन अधिकारियों को उदासीन और अमानवीय रवैये के कारण बिना किसी गलती के इन सभी वर्षों में आघात और उत्पीड़न से गुजरना पड़ा। एलजी के फैसले से उन्हें 15 साल से लंबित उनका उचित लाभ मिलेगा।”
दिल्ली सरकार ने कहा कि पिछले आठ वर्षों से राज निवास राष्ट्रीय राजधानी में सेवा से संबंधित मामलों को “नियंत्रित” कर रहा है। आप सरकार ने कहा, “उन्हें (एलजी कार्यालय को) जवाब देना चाहिए कि ऐसा पहले क्यों नहीं किया गया।”