गाजियाबाद में योगी पर अभद्र टिप्पणी के विरोध में बवाल, हिंदू रक्षा दल प्रमुख पिंकी चौधरी नजरबंद, कार्यकर्ताओं में रोष
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए, प्रशासन ने एहतियातन हिंदू रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पिंकी चौधरी को उनके शालीमार गार्डन स्थित आवास पर नजरबंद कर दिया। पिंकी चौधरी को नजरबंद किए जाने की खबर फैलते ही, काफी संख्या में हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ता शालीमार गार्डन स्थित उनके कार्यालय पर जुटने लगे। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए, इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया।
पुलिस अधिकारियों ने हिंदू रक्षा दल के मुखिया पिंकी चौधरी और कार्यकर्ताओं से बातचीत की और उन्हें समझा-बुझाकर स्थिति को शांत करने का प्रयास किया।
दरअसल, यह पूरा मामला हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो से जुड़ा है। वीडियो में एक मुस्लिम महिला, जिसकी पहचान फरजाना के रूप में हुई है, ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, देश के गृहमंत्री अमित शाह और हिंदू भावना से जुड़े गौकशी जैसे मामलों पर विवादित और अभद्र टिप्पणी की थी।
इस वीडियो के विरोध में हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ताओं ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गाजियाबाद के शालीमार गार्डन स्थित महिला के घर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया था और कथित तौर पर महिला की पिटाई भी की थी।
वीडियो वायरल होने और हंगामे के बाद पुलिस ने शांति भंग की आशंका में तत्परता दिखाते हुए धारा 151 के तहत कई हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। इस कार्रवाई से संगठन के कार्यकर्ताओं में गहरी नाराज़गी फैल गई।
इस पूरे मामले में हिंदू रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पिंकी चौधरी ने पुलिस प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि "हमारे कार्यकर्ताओं को बेवजह फंसाया जा रहा है, जबकि मुस्लिम युवती के खिलाफ पुलिस द्वारा कोई कठोर कार्रवाई नहीं की गई है। पुलिस ने कार्यकर्ताओं की जमानत लेने से भी मना कर दिया है। हम चाहते हैं कि गलत बयान देने वाली लड़की फरजाना के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो और हमारे कार्यकर्ताओं को तुरंत जमानत पर छोड़ा जाए। जब तक न्याय नहीं मिलेगा, हम चुप नहीं बैठेंगे।"
पिंकी चौधरी ने शनिवार दोपहर 2 बजे जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन का ऐलान किया था, जिसे पुलिस प्रशासन ने नजरबंदी के जरिए टाल दिया।
इस संबंध में एसीपी शालीमार गार्डन, अतुल कुमार सिंह ने बताया कि "विवादित महिला (फरजाना) को शुरुआती जांच में नाबालिग पाया गया है। फिलहाल उसका मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है और रिपोर्ट के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"
पिंकी चौधरी के नजरबंद होने की खबर फैलते ही उनके कार्यालय पर जुटी बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि उनके साथ अन्याय हुआ और उनके साथियों को रिहा नहीं किया गया, तो आने वाले दिनों में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
