18 साल बाद निठारी कांड का अंत: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुरेंद्र कोली जेल से रिहा, नया कोट-पैंट पहनकर निकला बाहर
Nithari case surendra koli release: नोएडा के चर्चित निठारी हत्याकांड के सह-आरोपी सुरेंद्र कोली बुधवार देर शाम आखिरकार जेल से रिहा हो गया। वह नया कोट-पैंट पहनकर जेल के गेट से बाहर आया। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उसकी क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई करते हुए अंतिम मामले में भी दोषमुक्त कर दिया था और तत्काल रिहाई का आदेश दिया था। हालांकि, मंगलवार को रिहाई पत्र (परवाना) जेल तक नहीं पहुंच सका, जिस कारण कोली को बुधवार तक रुकना पड़ा।
निठारी कांड ने 2006 में हिला दिया था पूरा देश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- झूठे सबूतों पर बनी थी दोषसिद्धि
सुप्रीम कोर्ट की बेंच जिसमें चीफ जस्टिस बी.आर. गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विक्रम नाथ शामिल थे, ने मंगलवार को कहा कि कोली के खिलाफ ठोस सबूत नहीं हैं। अदालत ने माना कि पहले के फैसले गलत थे और अब उसे अंतिम मामले में भी बरी किया जाता है। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी 12 मामलों में कोली को निर्दोष ठहराया था।
वकील बोले- असली अपराधियों को बचाने के लिए फंसाया गया कोली
सुरेंद्र कोली के वकील युग मोहित चौधरी ने कहा कि 19 सालों में जिस व्यक्ति को 13 मामलों में फांसी दी गई, वह असल में निर्दोष था। कोर्ट ने 12 मामलों में पहले ही उसे बरी किया था और अब आखिरी केस में भी निर्दोष साबित हो गया। उन्होंने कहा कि "सीबीआई को असली अपराधी की जानकारी थी, फिर भी गरीब नौकर को फंसाया गया ताकि बड़ी मछली बचाई जा सके।”
फरवरी 2011 से लेकर 2025 तक लंबी कानूनी जंग
फरवरी 2011 में 15 साल की एक लड़की की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कोली की फांसी की सजा बरकरार रखी थी। 2015 में दया याचिका में देरी के कारण इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उसकी सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। 2023 में कोर्ट ने उसे अधिकांश मामलों में बरी किया और अंततः 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोप हटा दिए।
क्यूरेटिव पिटीशन से मिली नई जिंदगी
क्यूरेटिव पिटीशन वह अंतिम कानूनी उपाय है, जो केवल विशेष परिस्थितियों में स्वीकार की जाती है। कोली का मामला भारतीय न्याय व्यवस्था में एक मिसाल बन गया है, यह दिखाता है कि कैसे एक निर्दोष व्यक्ति को वर्षों तक गलत तरीके से जेल में रखा गया। 18 साल बाद यह केस कानूनी और सामाजिक दोनों दृष्टि से बंद हो गया है।
देश के सबसे चर्चित अपराधों में से एक का अंत
निठारी केस में 50 से ज्यादा सुनवाई, 14 केस फाइलें और 20 से अधिक अदालत के फैसले हुए। 18 साल तक यह मामला देश के न्यायिक इतिहास की सबसे लंबी प्रक्रियाओं में गिना गया। अब जब कोली रिहा हो चुका है, तब भी समाज के मन में यह सवाल बाकी रहेगा कि असली अपराधी कौन था?
