नोएडा में बिल्डरों पर सख्त एक्शन की तैयारी: शासन से मिली मंजूरी, 5,500 करोड़ का बकाया वसूलने के लिए केस टू केस स्टडी होगी शुरू
Noida News: नोएडा में लंबे समय से बकाया राशि नहीं चुकाने वाले बिल्डरों के खिलाफ अब बड़ा कदम उठाने की तैयारी है। उत्तर प्रदेश शासन ने नोएडा प्राधिकरण को औपचारिक रूप से एक्शन लेने की अनुमति दे दी है।
43 डेवलपर्स को भेजे गए नोटिस, राहत पैकेज नहीं बचा पाएंगे
नोएडा प्राधिकरण ने 43 डेवलपर्स को नोटिस जारी किए थे, जिनमें से कुछ ने बकाया जमा करने का आश्वासन दिया, लेकिन अधिकांश ने या तो चुप्पी साधी या समय मांगा। अब प्राधिकरण राहत पैकेज वापस लेने के मूड में नहीं है।
जो डेवलपर राहत पैकेज का लाभ नहीं ले पाए, उनके खिलाफ प्राधिकरण ने EOW (आर्थिक अपराध शाखा) को पत्र भी भेजा है। ऐसे प्रोजेक्ट्स की फाइलें अब बोर्ड बैठक में रखी जाएंगी, और जरूरत पड़ने पर भूखंड आवंटन रद्द भी किया जा सकता है।
5,500 करोड़ रुपये का बकाया, अब नहीं मिलेगी मोहलत
नोएडा प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार, बिल्डरों पर लगभग 5,500 करोड़ रुपये का बकाया है। इनमें कई बड़े नाम शामिल हैं जिन्होंने राहत पैकेज के बावजूद पूरी रकम नहीं चुकाई। अधिकारियों का कहना है कि अब किसी भी प्रकार की नई छूट या समय सीमा बढ़ाने की योजना नहीं है, और हर केस का अलग-अलग अध्ययन कर कार्रवाई तय की जाएगी।
अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के तहत लिया गया निर्णय
इस पूरी प्रक्रिया की जड़ अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें हैं, जिनके आधार पर यूपी सरकार ने 21 दिसंबर 2023 को शासनादेश जारी किया था। इसके बाद नोएडा प्राधिकरण ने पहले चरण में 57 बिल्डर परियोजनाओं को शामिल किया था, जिनका मामला किसी अदालत में लंबित नहीं था। मार्च-अप्रैल 2024 से कई बिल्डरों ने बकाया चुकाना शुरू किया था, लेकिन कुछ ने सिर्फ आंशिक भुगतान किया और आगे की किस्तें नहीं दीं।
अधिकांश बिल्डर किस्तें नहीं दे रहे, कुछ ने भुगतान ही नहीं किया
प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि 57 में से 35 बिल्डरों ने कुल बकाया का केवल 25 प्रतिशत ही जमा किया है, जबकि जिन पर 100 करोड़ रुपये तक का बकाया था, उन्हें एक साल में पूरी राशि जमा करनी थी।
इसके अलावा 12 परियोजनाओं के बिल्डरों ने थोड़ी-बहुत रकम जमा की है, लेकिन 10 बिल्डरों ने कोई भुगतान नहीं किया। ऐसे मामलों में अब राहत पैकेज स्वतः समाप्त हो जाएगा और कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू होगी।
बोर्ड बैठक में तय होगा बिल्डरों का भविष्य
इस महीने हुई बोर्ड बैठक में प्राधिकरण के चेयरमैन दीपक कुमार ने साफ आदेश दिए थे कि बिल्डरों को 31 अक्टूबर तक का अंतिम समय दिया गया था। अब जो बकाया नहीं चुकाएंगे, उनका राहत पैकेज रद्द कर दिया जाएगा।
कोविड काल में बिल्डरों को दो साल का जीरो पीरियड और एनजीटी आदेशों के तहत अतिरिक्त जीरो पीरियड की छूट दी गई थी, लेकिन अब शासन ने मंजूरी दे दी है कि इन सभी रियायतों को वापस लेकर सख्त कार्रवाई शुरू की जाए।
नोएडा प्राधिकरण का संदेश साफ - बकाया भरो या कार्रवाई झेलो
नोएडा प्राधिकरण ने संकेत दिए हैं कि अब “बकाया माफ नहीं, वसूली पक्की” की नीति अपनाई जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम न केवल बकायेदार बिल्डरों पर नियंत्रण स्थापित करेगा बल्कि होमबायर्स के हितों की रक्षा भी करेगा, जिनकी परियोजनाएं वर्षों से अधूरी पड़ी हैं।
