खेसारी बनाम पवन सिंह! बिहार चुनाव में ‘भोजपुरी वॉर’ तेज़ | NDA vs RJD का नया चेहरा!"
पटना। इस बार बिहार की राजनीति में एक नया ट्विस्ट देखने को मिल रहा है। जहां चुनावी मैदान में अब सिर्फ नेता ही नहीं, बल्कि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के बड़े सितारे भी आमने-सामने हैं।
RJD के प्रत्याशी खेसारीलाल यादव छपरा विधानसभा सीट से चुनावी पिच पर कदम रख चुके हैं। दूसरी तरफ, पवन सिंह, जो पहले से ही बीजेपी और एनडीए के करीबी माने जाते हैं, इस बार एनडीए के स्टार प्रचारक के तौर पर चुनावी प्रचार में जुटे हैं।
दोनों ही सुपरस्टार्स के पास बिहार और उत्तर प्रदेश में लाखों फैन हैं, लेकिन अब यह टकराव फिल्मों से निकलकर राजनीति के मंच तक पहुंच गया है।
हाल ही में खेसारीलाल यादव ने पवन सिंह पर कुछ निजी टिप्पणियां की थीं, जिस पर पवन सिंह ने मीडिया के सामने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "हमारे रिश्ते अलग हैं, हमारी विचारधाराएं अलग हैं। हमारी विचारधारा एनडीए के साथ है, जबकि उनकी अलग है।"
खेसारीलाल यादव भी लगातार एनडीए और पवन सिंह पर निशाना साध रहे हैं। उनके भाषणों में पवन सिंह की निजी जिंदगी पर भी कई तंज देखे गए हैं, जिससे विवाद और गर्म हो गया है।
जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक गर्मी भी बढ़ती जा रही है। एनडीए विकास और स्थिरता का संदेश दे रही है, जबकि RJD रोजगार और परिवर्तन की चर्चा कर रही है। इस बीच, भोजपुरी स्टार्स के इस टकराव ने चुनावी पिच को और रंगीन और विवादित बना दिया है।
पवन सिंह ने भी कहा है कि अगर पार्टी उन्हें प्रचार के लिए भेजना चाहती है, तो वह जरूर जाएंगे। भाजपा नेता और भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार पवन सिंह ने छपरा से चुनाव लड़ रहे राजद नेता खेसारी लाल यादव के उस बयान पर पलटवार किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि जंगलराज बेहतर था, जिसमें पैसे देकर जिंदा तो रह जाते थे।
पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान पवन सिंह ने कहा कि जंगलराज का वह दौर कोई भूला नहीं है। जंगलराज के 15 साल देखिए और डबल इंजन सरकार के 20 साल के कार्यकाल की तुलना कीजिए। फर्क सीधे तौर पर समझ आएगा। उन्होंने कहा कि 15 साल पहले की स्थिति को देखिए और आज से तुलना कीजिए। क्या आपको कोई अंतर दिखता है? बिल्कुल दिखता है ना। पवन सिंह ने बिहारी अस्मिता पर भी जोर दिया और कहा कि मैंने पहले भी कहा है और अभी भी कहता हूं कि बिल्कुल, बिहारी कहलाना गर्व की बात है। हम बिहारी हैं और इसे गर्व से कहते हैं।
पत्नी ज्योति सिंह के काराकाट विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने के सवाल को टालते हुए पवन सिंह ने कहा कि मैं इस सवाल के जवाब में कुछ नहीं कहूंगा। बता दें कि खेसारी लाल यादव बिहार विधानसभा चुनाव से अपनी पत्नी को छपरा से चुनावी मैदान में उतारना चाहते थे, लेकिन बाद में उन्होंने चुनाव लड़ने का मन बना लिया। पार्टी से टिकट मिलने के बाद वे लगातार छपरा में बने हुए हैं और लोगों से अपने समर्थन में वोट करने की अपील कर रहे हैं। खेसारी लगातार क्षेत्र की समस्याओं को उठा रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि 20 साल की एनडीए सरकार ने बिहार में विकास नहीं किया। हाल में उनके एक बयान पर विपक्ष द्वारा उन्हें टारगेट किया जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा कि बिहार में जंगलराज ही ठीक था, जहां पैसे देकर जिंदा तो रहते थे।
