मानसा फायरिंग केस में बड़ी सफलता: दो शूटरों को पनाह देने वाला भी गिरफ्तार, साजिश की परतें खोलने में जुटी पुलिस
Mansa Firing Case: मानसा में हुए फायरिंग और एनकाउंटर प्रकरण में पुलिस को एक और सफलता हाथ लगी है। दो मुख्य शूटरों की गिरफ्तारी के बाद अब उन्हें पनाह देने वाले तीसरे आरोपी बलजिंदर सिंह को जिला रोपड़ से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी काफी समय से दोनों शूटरों को छिपाकर रखे हुए था। पुलिस अब उससे पूछताछ कर रही है कि हथियार किसने उपलब्ध कराए और पूरी साजिश के पीछे कौन-सा नेटवर्क सक्रिय है।
एसएसपी का बयान
बहादुरी दिखाने वालों को मिला सम्मान
28 अक्टूबर को गुरुद्वारा चौक और जवाहरके रोड पर हुए घटनाक्रम के दौरान तीन लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर शूटरों को रोकने का प्रयास किया। डीआईजी बठिंडा रेंज हरजीत सिंह ने शनिवार को गुरुद्वारा बाबा बुढ़्ढा जी पहुंचकर ग्रंथी जगराज सिंह हीरेवाला, दुकानदार शेरू गर्ग और कर्मचारी सुखबीर सिंह को लोई और प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया। इस मौके पर एसएसपी सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।
DIG बठिंडा का बयान
डीआईजी हरजीत सिंह ने कहा कि बाइक सवार दोनों हथियारबंद शूटरों को पैदल रोकने का प्रयास इन तीन व्यक्तियों ने किया। उनकी कोशिशों से शूटर घबराए और अपनी बाइक छोड़कर भागने पर मजबूर हुए। पैदल भागने के दौरान उनके सीसीटीवी फुटेज स्पष्ट मिले, जिससे पुलिस को उन्हें ट्रेस करने में बड़ी सहायता मिली।
पुलिस कर्मियों को भी मिलेगा सम्मान
इस केस को सुलझाने में जिन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, उन्हें पुलिस विभाग जल्द सम्मानित करेगा। डीआईजी ने बताया कि पुलिस कर्मियों को प्रमाण पत्र और नकद इनाम देने का प्रस्ताव एसएसपी मानसा द्वारा डीजीपी कार्यालय भेज दिया गया है।
फायरिंग की घटना: कैसे घटी पूरी वारदात
28 अक्टूबर को शाम करीब 4:15 बजे श्री गुरु शक्ति ट्रेडिंग कंपनी पर जबरन वसूली के लिए दो बाइक सवार शूटरों ने फायरिंग की। बाइक चला रहा था रमनप्रीत सिंह और पीछे बैठा था गुरुसाहिब सिंह। वारदात के बाद वे जवाहरके रोड पर पहुंचे, जहाँ उन्होंने स्कूटी से दो महिलाओं को टक्कर मार दी।
महिलाओं के गिरते ही दुकानदार शेरू और सुखबीर बाहर आए और बाइक सवार दोनों शूटरों को धक्का देकर रोकने का प्रयास किया। इस संघर्ष में गुरुसाहिब सिंह बाइक से गिर गया। कुछ दूर जाकर रमनप्रीत भी संतुलन खो बैठा और गिर पड़ा।
ग्रंथी जगराज सिंह ने दिखाया अदम्य साहस
ग्रंथी जगराज सिंह ने शूटर गुरुसाहिब सिंह को काबू करने की कोशिश की, लेकिन इसी दौरान शूटर ने पिस्तौल से दो फायर किए। गोली उनके हाथ के बिल्कुल पास से निकलकर जमीन पर लगी। इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। आखिरकार शूटर वहां से भाग निकले, लेकिन यह बहादुरी पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग दिला गई।
