अंता उपचुनाव में ‘उपेक्षा’ से भड़के वरिष्ठ विधायक सिंघवी-नड्डा को लिखा भावुक पत्र हुआ वायरल
Rajasthan News: बारां जिले के अंता विधानसभा उपचुनाव के बाद भाजपा के वरिष्ठ विधायक प्रताप सिंह सिंघवी की नाराजगी सामने आई है। उनका भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखा गया पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें उन्होंने उपचुनाव के दौरान पूरी तरह नजरअंदाज किए जाने का आरोप लगाया है।
प्रचार सूची और विज्ञापनों में नाम व फोटो न होने पर तीखी प्रतिक्रिया
पीढ़ियों से राष्ट्रवादी राजनीति
विधायक ने अपने पत्र में बताया कि उनका परिवार 1960 के दशक से राष्ट्रवादी राजनीति में सक्रिय रहा है। उनके पिता प्रेमसिंह सिंघवी भी जनसंघ और जनता पार्टी से विधायक रहे। खुद सिंघवी सातवीं बार चुनाव जीतकर राजस्थान विधानसभा के वरिष्ठतम विधायकों में शामिल हैं। इसके बावजूद लगातार उपेक्षा से वे बेहद आहत हैं।
‘पार्टी सेवा के बावजूद अपमान झेलना पड़ा-नड्डा को पत्र में खुला दर्द
सिंघवी ने लिखा कि 17 अक्टूबर को जारी 40 नेताओं की सूची से लेकर 24 अक्टूबर को घोषित चुनाव समिति तक—हर स्तर पर उन्हें नजरअंदाज किया गया। समिति में नाम होने के बावजूद कोई सदस्य उनसे संपर्क तक नहीं कर पाया। उन्होंने इसे ‘अनपेक्षित और अपमानजनक’ बताया।
सीएम की विजय संकल्प यात्रा के विज्ञापन में भी नहीं दिया स्थान
उन्होंने कहा कि 6 नवंबर 2025 को अंता-मांगरोल में आयोजित मुख्यमंत्री की विजय संकल्प यात्रा के विज्ञापन में भी उनका नाम या फोटो शामिल नहीं किया गया। इससे बारां जिले के भाजपा कार्यकर्ताओं में भी निराशा फैल गई है। फिर भी, उन्होंने लिखा कि पार्टी अनुशासन में रहते हुए वे भाजपा उम्मीदवार मोरपाल सुमन की जीत के लिए पूरी ऊर्जा से काम कर रहे हैं।
सिंघवी बोले मार्गदर्शन मिलना चाहिए
पत्र में उन्होंने सवाल उठाया कि यह षड्यंत्र किसने और किस उद्देश्य से किया। उन्होंने नड्डा से इस पूरे मामले की समीक्षा करने और उन्हें मार्गदर्शन देने की अपील की है।
वायरल पत्र पर सिंघवी की प्रतिक्रिया-उपेक्षा की जानकारी मैं नेतृत्व को दे चुका हूं’
वायरल पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए छबड़ा विधायक सिंघवी ने कहा कि अंता उपचुनाव में जिस तरह उन्हें नजरअंदाज किया गया है, यह वे पहले ही प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ और राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा को बता चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रचार सूची में नाम न होना और समिति द्वारा संपर्क न किया जाना उनके लिए ‘दिल दुखाने वाला’ अनुभव रहा।
