Wednesday, January 22, 2025

नर्सिंग होम के डॉक्टर की लापरवाही से प्रसूता की मौत,विरोध करने पर परिजनों को पीटा

फर्रुखाबाद। कायमगंज थाना क्षेत्र स्थित एक निजी अस्पताल में रविवार को प्रसव के दौरान प्रसूता की मौत हो गई। परिवार ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए विरोध किया तो डॉक्टरों ने स्टॉप के साथ मिलकर पिटाई कर दी। आरोप है कि पुलिस ने उनकी शिकायत न दर्ज कर उल्टा पीड़ित परिवार को ही शांत रहने के लिए धमकाया है।

ग्राम हंसापुर गौराई निवासी इकबाल ने आशा किरन की मदद से 22 वर्षीय पत्नी राबिया को प्रसव पीड़ा होने पर पहले सीएचसी लेकर पहुंचा। लेकिन स्टॉफ नर्सों ने ऑपरेशन न होने की बात कहकर कोतवाली कायमगंज के पुल गालिव स्थित कृष्णा हॉस्पिटल में दिखाने को सलाह दी। परिजन रात करीब नौ बजे के आसपास प्रसूता को लेकर कृष्णा हॉस्पिटल पहुंचे। डॉक्टर ने पहले 36 हजार और बाद में 26 हजार रुपये जमा करने को कहा। तब इसरार ने डॉक्टर को बताया की डेढ़ वर्ष पूर्व बहू के ऑपरेशन में आपने 22 हजार लिए थे। अब 23 हजार ले लो। ना नुकुर करने के बाद डॉक्टर ने 23 हजार रुपये जमा करा लिए। प्रसूता का ऑपरेशन करने के लिए डॉक्टर ने स्वयं बेहोशी का इंजेक्शन लगाया। थोड़ी देर बाद डॉक्टर तेजी से ओटी से निकले और कोई सामान लेकर दोबारा ओटी में चले गए। परिजनों ने मरीज के बारे में पूछा तो डॉक्टर ने कोई जवाब नहीं दिया।

डॉक्टर ने परिजनों से कहा कि इसे तुरंत ही लोहिया अस्पताल ले जाओ। जब परिजनों ने कारण पूछा तो डॉक्टर ने बताया कि आप लोगों ने महिला को खाना बहुत खिला दिया है जिसके कारण यह बेहोश हो गई है। इसरार व उनके भतीजे मुजम्मिल ने राबिया को चेक किया तो उसकी सांस नहीं चल रही थी और न ही नब्ज ढूंढे मिली। परिजनों ने राबिया के मर जाने की आशंका जताते हुए उसे ले जाने से मना कर दिया।

इसी बात से गुस्साए डॉक्टर ने परिजनों को गाली देते हुए कहा कि महिला को लेकर यहां से भाग जाओ नहीं तो धक्के देकर बाहर निकलवा देंगे। गुस्साए मुजम्मिल ने डॉक्टर का गिरेबान पकड़ लिया तभी अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे पीटा। बीच-बचाव करने पर इसरार की भी पिटाई कर दी। पिटाई का मुजम्मिल मोबाइल वीडियो बनाने लगा तो डॉक्टर ने उसका मोबाइल फोन छीन कर तोड़ दिया।

डॉक्टर की सूचना पर कस्बा चौकी इंचार्ज हरिओम प्रकाश त्रिपाठी सिपाहियों को लेकर अस्पताल पहुंचे। उन्होंने अस्पताल पहुंचते ही प्रसूता के परिजनों को हड़काते पुलिस कार्रवाई का हवाला देते हुए पीड़ित परिवार को शांत करा दिया। पुलिस के दबाव में परिजन शव को घर ले गए। पीड़ित परिवार ने पुलिस अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है। आरोप है कि पुलिस ने उनकी रिपोर्ट नहीं लिखी है।

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