मुज़फ्फरनगर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई बड़ी आतंकी घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात बनते नजर आ रहे हैं। ऐसे संकट की घड़ी में देश के लिए बलिदान, सेवा और सहयोग का संकल्प लेकर आज जनपद मुज़फ्फरनगर के ऐतिहासिक गांव शोरम की धरती पर सर्व खाप की एक आपातकालीन पंचायत बुलाई गई। इस पंचायत ने देशभर में एकता, जागरूकता और देशभक्ति का संदेश दिया। गांव शोरम की ऐतिहासिक चौपाल पर आज का दृश्य एक बार फिर 1857 की क्रांति की याद दिला दिया।
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इस आपात बैठक में 20 से अधिक खापों के चौधरी, थांबे और तपे, साथ ही खापों के सैकड़ों जिम्मेदार प्रतिनिधि उपस्थित हुए। हर चेहरे पर चिंता थी, लेकिन उससे कहीं ज्यादा था देश के लिए कुछ करने का जज्बा। बैठक में तीन महत्वपूर्ण प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए, जो देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत थे।
1. खापों का संकल्प – देश के लिए लहू का एक-एक कतरा न्यौछावर
सर्व खाप पंचायत ने यह घोषणा की कि यदि देश को जरूरत पड़ी, तो प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षामंत्री या सेना द्वारा जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, वह पूरी निष्ठा और समर्पण से निभाई जाएगी। सभी चौधरियों ने एक स्वर में कहा – “हम देश के लिए खून का एक-एक कतरा देने को तैयार हैं।”
2. रक्तदान के जरिए युद्ध में सेवा – 15 मई को महायज्ञ
महापुरुषों के सिद्धांतों को अपनाते हुए सर्व खाप पंचायत ने यह फैसला लिया कि 15 मई 2025 को महात्मा चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत जी की 14वीं पुण्यतिथि के अवसर पर देशभर के जिला मुख्यालयों पर विशाल रक्तदान शिविर लगाए जाएंगे। यह रक्त देश की रक्षा में लगे जवानों के लिए काम आएगा। खापों ने सरकार से अपील की कि इस रक्त को अधिकृत संस्थाओं के माध्यम से युद्धकाल में उपयोग किया जाए।
3. कोई भूखा न सोए – खापें संभालेंगी खाद्यान्न की जिम्मेदारी
खाद्य संकट की आशंका के बीच सर्व खाप पंचायत ने सरकार को आश्वस्त किया कि देश के किसी नागरिक को भूखा नहीं सोने दिया जाएगा। खाप पंचायतों ने संकल्प लिया है कि खाद्यान्न की आपूर्ति गांव-गांव, गली-गली तक सुनिश्चित की जाएगी। यदि देश संकट में है, तो खापें पीछे नहीं रहेंगी।
इस आपात पंचायत की खास बात यह रही कि हर वक्त देश और किसानों के लिए आवाज उठाने वाले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत के नेतृत्व को आज पूरे क्षेत्र ने एकजुट होकर समर्थन दिया। चौधरी नरेश टिकैत के विचारों और आंदोलनों की गूंज इस पंचायत में साफ सुनाई दी। गांव शोरम, जो किसान आंदोलन की जननी रहा है, आज फिर देश के नाम एक नई क्रांति का संदेश देकर खड़ा हो गया।
सर्व खाप की यह आपात बैठक एक बार फिर यह साबित करती है कि देश संकट में हो या शांति में – पश्चिमी उत्तर प्रदेश की खाप पंचायतें सदैव देश के साथ खड़ी रहती हैं।