दिव्या दत्ता ने वीर ज़ारा की 21वीं सालगिरह पर याद किया यश चोपड़ा का जादू, बोलीं- शब्बो ने मेरी ज़िंदगी बदल दी
Veer Zaara 21: बॉलीवुड की क्लासिक रोमांटिक ड्रामा फिल्म ‘वीर ज़ारा’ की रिलीज़ को आज पूरे 21 साल हो चुके हैं। इस खास मौके पर अभिनेत्री दिव्या दत्ता ने सोशल मीडिया पर फिल्म से जुड़ी यादें साझा कीं। उन्होंने फिल्म के पोस्टर और बिहाइंड-द-सीन तस्वीरें इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए लिखा - “क्या शानदार साल रहे हैं। इस फिल्म ने मुझे बहुत प्यार और पहचान दी।”
शब्बो के किरदार ने बदली दिव्या की किस्मत
दिव्या दत्ता ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि ‘शब्बो’ का किरदार उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता था कि शब्बो को इतना प्यार मिलेगा, लेकिन यश जी का विज़न बड़ा था। इस फिल्म ने मेरी ज़िंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया। यह किरदार मेरे साथ हर जगह चलता है।”
उन्होंने फिल्म की 21वीं सालगिरह पर अपने सह-कलाकारों शाहरुख खान, रानी मुखर्जी, प्रीति जिंटा, हेमा मालिनी, मनोज बाजपेयी, बोमन ईरानी, अमिताभ बच्चन और यश चोपड़ा को याद करते हुए लिखा कि यह अनुभव उनके जीवन का सबसे खूबसूरत दौर था।
दिव्या का सपना हुआ साकार
दिव्या ने आगे लिखा कि “21 साल बाद भी लोगों का प्यार मिलना किसी आशीर्वाद से कम नहीं है।” उन्होंने कहा कि यश चोपड़ा जैसे फिल्मकार के साथ काम करना उनके अभिनय सफर की सबसे बड़ी उपलब्धि थी।
उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, “सेट पर मिले सभी शानदार लोगों का शुक्रिया - शाहरुख, रानी, प्रीति, हेमा जी, मनोज, बोमन, अमिताभ सर और यश जी। मेरा सपना पूरा हुआ।” दिव्या ने फिल्म से जुड़े सभी कलाकारों को ‘वीर ज़ारा’ के 21 साल पूरे होने पर बधाई दी और कहा कि यह फिल्म हमेशा उनके दिल के करीब रहेगी।
‘वीर ज़ारा’ की कहानी जिसने छू लिया था हर दिल
फिल्म ‘वीर ज़ारा’ 12 नवंबर 2004 को रिलीज़ हुई थी और इसका निर्देशन यश चोपड़ा ने किया था। यह एक ऐसी प्रेम कहानी है जो भारत और पाकिस्तान की सीमाओं से आगे बढ़कर मानवता और त्याग की मिसाल बन गई।
फिल्म में वीर प्रताप सिंह (शाहरुख खान) एक भारतीय वायुसेना अधिकारी हैं जिन्हें जारा हयात खान (प्रीति जिंटा) से प्यार हो जाता है, जो एक पाकिस्तानी राजनेता की बेटी है। वीर पर झूठे आरोप लगाकर उसे 22 साल के लिए जेल में डाल दिया जाता है, और सालों बाद सामिया सिद्दीकी (रानी मुखर्जी) नाम की एक पाकिस्तानी वकील उसका केस लड़ती है। यही से कहानी में भावनाओं, संघर्ष और त्याग का एक नया मोड़ आता है।
