नोएडा। फर्जी दस्तावेज के आधार पर किसी और की जमीन को किसी और के नाम रजिस्ट्री करवाने वाले एक गैंग का खुलासा करते हुए थाना जेवर पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इस गैंग का सरगना रिंकू फरार है। अभियुक्तों से एक लाख 7 हजार रुपये 7 मोबाईल एक पैन कार्ड (फर्जी), एक आधार कार्ड (फर्जी) व कैंसिल चैक बरामद हुए।
अपर पुलिस उपायुक्त (जोन प्रथम) अशोक कुमार सिंह ने बताया कि एक सूचना के आधार पर थाना जेवर पुलिस ने नीटू पुत्र लाल सिंह, जयवीर सिंह पुत्र अशोक कुमार राजपूत, भूरा कुमार पुत्र सुरेश सिंह, सौरभ कुमार पुत्र देवी राम, पिन्कू उर्फ देवीचरण पुत्र जगदीश शर्मा, राहुल भाटी पुत्र रामकिशोर भाटी तथा प्रथम भाटी पुत्र धन सिंह भाटी को झाझर अण्डरपास के पास के नीचे बने कमरे के सामने से गिरफ्तार किया है। अभियुक्तगण आज जालसाजी का पर्दाफाश होने के बाद हड़प की गयी धनराशि के बंटवारे के संबंध में एकत्रित हुए थे। जिसमें बाकी का रूपया गैंग के सरगना रिंकू पुत्र भोजराज के पास था। जो बंटवारे के दौरान आने की संभावना थी। उन्होंने बताया कि अभियुक्तगणों को मौके से गिरफ्तार किया गया। जिनके पास से उक्त जमीन के हड़प किये एक लाख 7 हजार रुपये 7 मोबाईल एक पैन कार्ड (फर्जी), एक आधार कार्ड (फर्जी) व कैंसिल चैक बरामद हुए।
फरार अभियुक्त रिंकू की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किये जा रहे हंै। अपर उपायुक्त ने बताया कि ये लोग फर्जी दस्तावेज के आधार पर किसी और की जमीन को किसी और के नाम रजिस्ट्री करवाने का अपराध कारित करते हैं। उन्होंने बताया कि इनके खिलाफ पुलिस गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई करेगी। उन्होंने बताया कि अभियुक्तों द्वारा दिनांक बीती 24 जून को ग्राम कानपुर थाना रबुपुरा क्षेत्र की 14 बीघा जमीन के बैनामे के लिए गौतम सिंह पुत्र रामकुमार सिंह निवासी मौहल्ला बनीसराय थाना जेवर जनपद गौतमबुद्धनगर अपने साथी योगेश शर्मा पुत्र जगदीश शर्मा निवासी कानपुर थाना रबुपुरा जनपद गौतमबुद्धनगर व क्रेता मधुर गोयल, हार्दिक गोयल पुत्रगण पंकज गोयल निवासी हुड्डा पानीपत हरियाणा के साथ उपनिबन्धक कार्यालय जेवर गये थे। जहां पर उक्त जमीन की रजिस्ट्री होनी थी।
अभियुक्तों ने जमीन के सौदे के दौरान 20 अप्रैल 2024 को उक्त जमीन के सौदे के संबंध में सभी लोगों से वार्ता हुई थी। वार्ता के पश्चात जमीन का सौदा 17 लाख रुपये प्रति बीघा में तय हुआ। जिसकी कुल कीमत 2 करोड़ 38 लाख रुपये तय हुई। जिनमें क्रेता ने 15 लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर किये थे व 6 लाख रुपये नगद दे दिये थे। 24 जून 2024 को बैनामे के समय उक्त सभी साजिशकर्ता अभियुक्तगण व वादी क्रेता मधुर गोयल व हार्दिक गोयल व साथी योगेश शर्मा पुत्र जगदीश शर्मा के साथ रजिस्ट्रार कार्यालय में उपस्थित हुए थे। सभी प्रपत्र तैयार हो चुके थे। उसी समय जब विक्रेता अपनी माता के साथ रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचा तो वादी के साथी योगेश शर्मा व जगदीश शर्मा ने विक्रेता को देखकर बताया कि ये जमीन के असली मालिक नहीं हैं।
यह बात सुनकर उक्त सभी अभियुक्तगण मौके से फरार हो गये थे। अभियुक्तगणों ने जमीन के असली मालिक वैभव पुत्र रणवीर उपरोक्त के व उसके भाई गौरव पुत्र रणवीर व माता नीरज पत्नी रणवीर के नाम के फर्जी आधार कार्ड व पैन कार्ड बनवाकर प्रतिरूपित व्यक्ति प्रथम भाटी पुत्र धन सिंह भाटी व सीमा पत्नी अज्ञात को वैभव की माता के तौर पर तैयार कर वादी व उसके साथियों से धोखाधड़ी व जालसाजी करते हुए कूटरचित दस्तावेजों को प्रस्तुत कर 21 लाख रुपये का गबन किया है।