सहारनपुर। सम्राट मिहिर भोज को लेकर गुर्जर और राजपूत समाज में टकराव की स्थिति बनी हुई है। गुर्जर समाज ने आज सम्राट मिहिर भोज यात्रा निकालने का एलान किया है। वहीं, पुलिस-प्रशासन ने इन्हें अनुमति नहीं दी। वही, राजपूत समाज ने यात्रा का विरोध कर किया है। इसको लेकर पुलिस-प्रशासन सतर्क है।
सहारनपुर प्रशासन द्वारा अनुमति न दिए जाने के बावजूद गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज गौरव यात्रा फंदपुरी से निकाली जा रही है। गुर्जर समाज के सैकड़ों लोग सुबह नकुड क्षेत्र के गांव फंदपुरी में एकत्र हुए। वहां से उन्होंने पैदल गौरव यात्रा शुरू की। प्रशासन ने यात्रा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा हुआ था। इसके बावजूद लोगों ने यात्रा शुरू की है। यात्रा रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने नकुड क्षेत्र में बैरिकेडिंग वगैरह लगाकर सुरक्षा व्यवस्था के प्रबंध किए, लेकिन गुर्जर समाज के लोगों ने प्रतिबंध के बावजूद यात्रा शुरू की है। धीरे-धीरे यात्रा नकुड़ की ओर बढ़ रही है।
खास बात यह है कि पुलिस प्रशासन ना तो भीड़ को कार्यक्रम स्थल गांव फंदपुरी में इकट्ठा होने से रोक पाया और ना ही फंदपुरी से यात्रा रवाना होने से रोक पाया। भीड़ के सामने बेबस पुलिस-प्रशासन महज औपचारिकता पूरी करता नजर आया है। रविवार को यात्रा को लेकर जिलाधिकारी डाॅ. दिनेश चंद्र और एसएसपी डाॅ. विपिन ताडा ने दोनों समाज के लोगों से वार्ता कर स्पष्ट कर दिया कि किसी भी तरह की यात्रा नहीं निकलेगी। इसकी अनुमति भी दो दिन पहले निरस्त कर दी गई है। जिले में धारा 144 भी लागू हैं। ऐसे में कोई नई परंपरा शुरू नहीं होगी। किसी ने कानून का उल्लंघन किया तो कार्रवाई होगी।
अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के सदस्य आचार्य विरेंद्र विक्रम ने कहा कि गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज रघुवंशी सम्राट थे और गुर्जर प्रतिहार वंश के सबसे प्रतापी सम्राट थे। 851 ईसवीं मे भारत भ्रमण पर आए अरब यात्री सुलेमान ने उनको गुर्जर राजा और उनके देश को गुर्जर देश कहा। इसी तरह अनेक इतिहासकारों उनके गुर्जर होने का प्रमाण दिया है। वहीं, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष डा. कुशलपाल ने कहा कि क्षत्रिय सम्राट मिहिर भोज को एक विशेष जाति के लोग गलत तरीके से प्रस्तुत कर रहे हैं, जो गलत है। मिहिर भोज एक क्षत्रिय सम्राट थे। वे यात्रा का विरोध करते हैं।