बरेली-उत्तर प्रदेश में बरेली के इज्जतनगर क्षेत्र में भ्रष्टाचार निरोधक दस्ते ने खतौनी में नाम दर्ज कराने के बदले मंगलवार को दस हजार रुपये की रिश्वत लेते चकबंदी बंदोबस्त अधिकारी के पेशकार को धर दबोचा। आरोपी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।
चकबंदी बंदोबस्त अधिकारी अनुराग दीक्षित के पेशकार अभय सक्सेना ने खतौनी में नाम दर्ज करने के नाम पर 50 हजार रूपये रिश्वत मांगी थी। मामले की शिकायत सीओ एंटी करप्शन यशपाल सिंह से की गई। उन्होंने रिश्वतखोर पेशकार को धर दबोचने की कार्य योजना बनाई। एंटी करप्शन टीम ने लिपिक को दस हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
किला थाना क्षेत्र बरेली निवासी सुधा अग्रवाल बुजुर्ग हैं। उनकी मोहनपुर की भूमि गाटा संख्या 111 का पर्चा 45 मिल चुका है। सुधा अग्रवाल ने इसी पर्चे के क्रम में अपना नाम खतौनी में अंकित कराने के लिये चकबंदी अधिकारी अनुराग दीक्षित आफिस में संपर्क किया था। उनके मैनेजर सुनील कुमार से पेशकार अभय सक्सेना ने नाम दर्ज कराने के बदले 50 हजार की रिश्वत मांगी।
एंटी करप्शन सीओ यशपाल सिंह ने बताया कि प्रेमनगर में गुलाबनगर निवासी मूल रूप से आफीसर्स एन्कलेव कर्मचारी नगर के रहने वाले अभय सक्सेना चकबंदी पेशकार हैं। उन्होंने खतौनी में नाम दर्ज कराने के 50 हजार रुपये मांगे। सुनील कुमार ने इसकी शिकायत सीओ एंटी करप्शन यशपाल सिंह से कर दी।
इसके बाद मंगलवार सुबह सवा 11 बजे वादी सुनील कुमार को दस हजार रुपये की पहली किश्त लेकर चकबंदी आफिस भेजा गया। सुनील कुमार ने दस हजार रुपये का पैकेट जैसे ही पेशकार अभय सक्सेना को दिया। एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ रिश्वत लेने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार कर लिया।