Friday, November 22, 2024

इंडी की भाषा देश विरोधी, औरंगाबाद घटना पर मौन क्यों है बिहार सरकार : गिरिराज सिंह

बेगूसराय। केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने रविवार को डीएमके सांसद दयानिधि मारन पर जोरदार हमला करने के साथ ही कांग्रेस, फारूक अब्दुल्ला तथा नीतीश कुमार एवं लालू यादव पर भी कर प्रहार किया है।

डीएमके सांसद दयानिधि मारन द्वारा बिहार के श्रमिकों के लिए बोले गए अपमानजनक शब्द को लेकर गिरिराज सिंह ने कहा है कि कर्नाटक में डीएमके और कांग्रेस की सरकार है। सांसद की भाषा देश को तोड़ने वाली है। बिहार के लोग तमिलनाडु या कर्नाटक कहीं भी जाते हैं तो स्वाभिमान के साथ काम करते हैं।

उस राज्य के विकास में योगदान देते हैं, ऐसी भाषा बोलकर देश का अपमान किया गया है। पहले सनातन का अपमान किया जाता रहा है और अब मजदूर पर प्रहार दुर्भाग्य की बात है। उन्होंने फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी कांग्रेस और फारूक अब्दुल्ला की सरकार नहीं है। यह नरेंद्र मोदी की देश हित की सरकार है।

गिरिराज सिंह ने कहा है कि नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ने वाली है। जनता ने तय कर लिया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा की सरकार बनाएंगे। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में एक बार फिर मोदी की गारंटी की सरकार बनेगी। आज तक किसी ने गरीबों के लिए काम नहीं किया, जितना मोदी ने किया है।

राम जन्मभूमि न्यास समिति द्वारा प्राण-प्रतिष्ठा उत्सव में सपा नेता को निमंत्रण नहीं देने पर गिरिराज सिंह ने कहा कि सपा के सरकार में तो राम भक्तों पर गोली चलाई थी। मुझे नहीं पता कि निमंत्रण दिया गया या नहीं दिया गया, लेकिन राम भक्त के हत्यारे को आखिर क्यों बुलाया जाएगा।

गिरिराज सिंह ने कहा है कि बिहार में लगातार उन्माद फैलाया जा रहा है। लेकिन नीतीश कुमार की सरकार मौन साधे रहती है। अभी औरंगाबाद के हसपुरा में देवी मंदिर में गौमांस टांग दिया गया। वहां पहले भी इस तरह की घटना होती रहती है। वे लोग थ्रेटनिंग दे रहे हैं, जता रहे हैं कि इस्लामी राष्ट्र बनाना चाहते हैं, इस्लामी कानून चलाना चाहते हैं।

औरंगाबाद में जहां यह घटना हुई है वहां रोहिंग्या आकर बसा है। बिहार के अंदर उन्माद फैलाने वालों पर नीतीश कुमार की सरकार कार्रवाई क्यों नहीं करती है। हिंदू कुछ करता तो बवाल हो गया होता, मस्जिद में अगर सूअर का मांस टांग दिया जाता तो अब तक बवाल हो जाता। लेकिन वहां लगातार घटना होने के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही है। इस पर नीतीश कुमार, लालू यादव और तेजस्वी कोई कुछ नहीं बोलेगा।

लेकिन मस्जिद में अगर मांस टांग दिया जाता तो पॉलीटिकल टूरिस्ट स्थल बन जाता। जदयू, राजद और कम्युनिस्ट वाले सब के सब वहां पहुंच गए होते। लेकिन हिंदुओं के साथ हो रहे इस तरह की घटना पर किसी की नींद नहीं खुल रही है। आखिर नीतीश कुमार की सरकार ने क्या समझ लिया है। हिंदुओं को क्यों लगातार तंग-तबाह किया जा रहा है।

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