सहारनपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार 2017 से 2022 तक में सहारनपुर के डा. धर्मसिंह सैनी आयुष राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के पद पर कार्यरत रहे।18 नवंबर 2022 को प्रदेश के आयुर्वेद होम्योपैथ और यूनानी कालेजों में 982 अपात्र छात्रों के दाखिले के घोटाले का खुलासा हुआ था।
डा. धर्मसिंह सैनी 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 13 जनवरी को योगी मंत्रिमंडल और भाजपा से इस्तीफा देकर सपा में शामिल हो गए थे। इस मामले की जांच एटीएस कर रही है। एटीएस ने डा. धर्म सिंह सैनी को पूछताछ के लिए तीन नोटिस भेजे हैं।डा. धर्म सिंह सैनी ने आज बताया कि वह सहारनपुर में अपने घर पर ही रहकर अपना उपचार करा रहे हैं। उन्हें एटीएस का एक नोटिस मिला था, जिसका उन्होंने जवाब दे दिया था।
इस मामले में आयुर्वेद विभाग के पूर्व निदेशक एसएन सिंह, काउंसलिंग के नोडल अफसर उमाकांत यादव, निजी कंपनी वी-थ्री सेल्यूशन्स के कुलदीप सिंह समेत 12 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इस घोटाले के संबंध में लखनऊ के थाना हजरतगंज में मुकदमा दर्ज किया गया था। एटीएस के विवेचनाधिकारी ने बताया कि डा. धर्म सिंह सैनी को 9 दिसंबर, 15 दिसंबर और 29 दिसंबर 2022 को नोटिस जारी किए गए थे लेकिन वह पूछताछ के लिए एटीएस के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। उनकी ओर से एक नोटिस का जवाब जरूर दिया गया है।
ध्यान रहे डा. धर्म सिंह सैनी ने खतौली विधानसभा उप चुनाव के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा में पहुंचकर भाजपा में शामिल होने की घोषणा की थी। लेकिन उनकी एंट्री पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीटो लगा दिया था। जिस पर प्रदेश भाजपाध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह ने डा. धर्म सिंह सैनी को खतौली के रास्ते से ही सहारनपुर लौटा दिया था। मौजूदा हालात में डा. धर्म सिंह सैनी की समस्याएं बढ़ गई हैं। वह चार बार विधायक रह चुके हैं। तीन बार बसपा से और एक बार भाजपा के विधायक 2017 में रहे। वह 2007 में मुख्यमंत्री मायावती की सरकार में काबिना दर्जे के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री रह चुके हैं। वह सहारनपुर जिले में अपनी सैनी बिरादरी के कद्दावर नेता माने जाते हैं।