रांची। सुप्रीम कोर्ट के दिवंगत जस्टिस एमवाई इकबाल की जमीन की बाउंड्री को भू-माफिया द्वारा तोड़े जाने के मामले में गुरुवार को राज्य के डीजीपी अजय कुमार सिंह और रांची के एसएसपी किशोर कौशल झारखंड हाईकोर्ट में हाजिर हुए।
कोर्ट ने उनसे मौखिक तौर पर पूछा कि राज्य में क्राइम का ग्राफ क्यों बढ़ रहा है? भू-माफिया दूसरों की जमीन पर कब्जा करने की हिम्मत कैसे कर रहे हैं? क्राइम कंट्रोल के लिए पुलिस क्या कर रही है?
कोर्ट ने डीजीपी को चार हफ्ते के भीतर व्यक्तिगत शपथ पत्र दाखिल कर बताने को कहा है कि भू-माफिया की गैरकानूनी गतिविधियों पर रोक और राज्य में क्राइम कंट्रोल के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के दिवंगत जस्टिस एमवाई इकबाल की रांची स्थित जमीन की बाउंड्री गिराकर उस पर कब्जे की कोशिश की घटना की मीडिया रिपोर्ट पर झारखंड हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था।
यह घटना 25 जून को हुई थी। भू माफियाओं ने जस्टिस इकबाल की विक्रांत चौक स्थित जमीन का बाउंड्री गिरा दी थी और उसे हड़पने की कोशिश की थी। इसे लेकर लोअर बाजार थाना में जमीन की देखरेख के लिए प्रतिनियुक्त हवलदार जैनुल अंसारी द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
बाद में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जस्टिस एस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली बेंच में इस मामले में स्वत: संज्ञान के आधार पर हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दायर कर बताया गया है कि जमीन हड़पने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वैसे भू-माफिया, जिनके खिलाफ पांच से ज्यादा आपराधिक मामले हैं, उन्हें जिला बदर किया जाएगा। जिन जमीन कारोबारियों के खिलाफ चार केस हैं, उन्हें प्रत्येक पंद्रह दिन में थाने में हाजिरी लगानी होगी। जिन माफियाओं के खिलाफ तीन केस हैं, उनसे बांड भरवाकर चेतावनी दी जाएगी।
आने वाले वक्त में एससी-एसटी एक्ट, महिला उत्पीड़न से जुड़े केस और जमीन हड़पने से संबंधित मामलों में त्वरित कार्रवाई के लिए स्पेशल टास्क फोर्स बनाई जाएगी।