Thursday, April 25, 2024

आजम खां की याचिका पर फैसला सुरक्षित, सरकारी संस्थान की जमीन पर लीज को निरस्त करने को दी है चुनौती

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकारी प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान रामपुर की जमीन मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के नाम पट्टा देने के फैसले को कैबिनेट द्वारा निरस्त कर जमीन वापस करने की चुनौती याचिका पर फैसला सुरक्षित कर लिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केशरवानी तथा न्यायमूर्ति अनीस कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आज़म खां की याचिका पर दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता शशिनंदन व राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार सिंह व अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता सुधांशु श्रीवास्तव ने बहस की।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

मालूम हो कि राज्य सरकार ने रामपुर में प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के स्थापना का निर्णय लिया और संस्थान के नाम जमीन दी गई किंतु संस्थान का निर्माण नहीं किया गया। आजम खां मंत्री थे तो 30 नवम्बर 14 को कैबिनेट प्रस्ताव से संस्थान की जमीन मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट सोसायटी के नाम पट्टा करा लिया और उस पर रामपुर पब्लिक स्कूल की स्थापना की। संस्थान जिसमें लोक सेवकों की नियुक्ति की जानी थी, अपनी मर्जी से पब्लिक स्कूल में अधिकारियों की नियुक्ति की। जमीन जिस उद्देश्य से दी गई थी उसकी प्रकृति बदल ली। 18 जनवरी 23 को कैबिनेट निर्णय के तहत सोसायटी के नाम जारी पट्टा निरस्त कर जमीन वापस करने का आदेश जारी किया गया। जिस पर प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान बनाने का फैसला लिया गया है। इस फैसले को आजम खां ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

उनका कहना है कि उन्हें सुनवाई का मौका नहीं दिया गया। आदेश में कैबिनेट के पूर्व निर्णय को पलटने का कारण स्पष्ट नहीं किया गया है। इसलिए रद्द किया जाय। सरकार की तरफ से कहा गया कि सरकारी संस्थान की जमीन फ्राड के जरिए प्राइवेट सोसायटी के नाम की गई थी। आज़म खां सोसायटी के अध्यक्ष हैं। कैबिनेट निर्णय लेते समय सुने जाने का औचित्य नहीं है। सरकारी आदेश सही है।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,237FansLike
5,309FollowersFollow
47,101SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय