महाकुम्भ नगर। मौनी अमावस्या के अमृत स्नान पर जबरदस्त भीड़ के चलते संगम पर मची भगदड़ में कई श्रद्धालुओं की मौत के बाद जूना अखाड़ा, अग्नि अखाड़ा व आहवान अखाड़ा ने अपना अमृत स्नान स्थगित कर दिया। तीनों अखाड़ा से जुडे साधु-संतों ने घटना पर दुख व्यक्त किया और मृत श्रद्धालुओं की आत्मा के लिए शांति पाठ किया।
मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़, कई घायल, दर्जनों की मौत, आज नहीं होगा अमृत स्नान
अग्नि अखाड़ा में अखाडे के सभापति श्रीमहंत मुक्तानंद ब्रह्मचारी की अध्यक्षता में इमरजेंसी बैठक हुई। बैठक में जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज से विचार-विमर्श कर अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के निर्देश पर आहवान अखाड़े के सभापति श्रीमहंत जमुना गिरि महाराज, संरक्षक श्रीमहंत भारद्वाज गिरि महाराज, पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष महंत प्रेमगिरि महाराज, दूधेश्वर पीठाधीश्वर व पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज की मौजूदगी में अमृत स्नान स्थगित करने का निर्णय लिया गया।
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अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि, जो घटना हुई है, उससे सभी संत व भक्त बहुत दुखी हैं। ऐसे में जनहित को देखते हुए निर्णय लिया गया कि अखाड़े आज मौनी अमावस्या के अमृत स्नान में भाग नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि यह दुखद घटना भीड़ की अत्याधिकता के कारण हुई है। अतः उनकी सभी श्रद्धालुओं से अपील है कि जो जहां भी है,चाहे प्रयागराज की सीमा में हो या प्रयागराज की सीमा से बाहर हो, जहां भी गंगा हैं, वहीं पर स्नान कर लें, उन्हें वहीं पुण्य प्राप्त होगा, जो प्रयागराज में संगम में गंगा-यमुना व सरस्वती में स्नान करने से प्राप्त होता।
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आहवान अखाड़े के सभापति श्रीमहंत जमुना गिरि महाराज ने कहा कि प्रयागराज में 80 किमी के क्षेत्र में श्रद्धालु जहां भी हैं, वहीं पर गंगा स्नान कर लें और अपने घरों को लौट जाएं। संगम पर ना आएं।
दूधेश्वर पीठाधीश्वर व पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि संगम पर जो घटना हुई, वह बहुत दुखद है और उससे सभी संत बहुत दुखी हैं। इस दुखद घटना के कारण ही मौनी अमावस्या का अमृत स्नान स्थगित कर दिया गया है। अब सभी अखाडे बसंत पंचमी का अमृत स्नान करेंगे।
जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज व अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के निर्देशन व नेतृत्व में पंच दशनाम जूना अखाड़ा, अग्नि अखाडा, आहवान अखाड़ा के सभी साधु-संत प्रदेश सरकार, महाकुंभ मेला प्रशासन, प्रयागराज प्रशासन व पुलिस प्रशासन के साथ व्यवस्था बनाने में पूरा सहयोग कर रहे हैं। संत श्रद्धालुओं से यह अपील भी कर हैं कि प्रयागराज में 40 किमी इधर व 40 किमी उधर यानि 80 किमी की परिधि में कहीं भी गंगा स्नान कर वहीं से अपने घर लौट जाएं। संगम पर ना आएं, इससे व्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी। बैठक में शांति पाठ का आयोजन कर भगवान से मृत श्रद्धालुओं की आत्मा को शांति प्रदान करने की प्रार्थना की गई।