Friday, November 22, 2024

मोदी सरकार देश में लागू कर सकती है CAA, मार्च में आ सकता है नोटिफिकेशन

दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार मार्च के पहले हफ्ते में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के नियम लागू कर सकती है। एनडीटीवी के सूत्रों के अनुसार, सरकार मार्च के पहले हफ्ते या इसके बाद किसी भी दिन सीएए के नियम लागू कर देगी। इसके लागू होने के साथ ही सीएए कानून लागू हो जाएगा।

सरकार के सूत्रों के अनुसार, सरकार ने सीएए को लागू करने के लिए पोर्टल तैयार कर लिया है। अधिकारियों का कहना है कि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आवेदन करने वालों को वो साल बताना होगा, जब उन्होंने दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था। सूत्रों के अनुसार, आवेदन करने वालों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि सीएए कानून 2019 पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश के उन अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता के लिए रास्ता खोलेगा, जो लंबे समय से भारत में रह रहे हैं। इस कानून में किसी भी भारतीय की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं हैं, चाहे वह किसी भी धर्म का हो।

बीते शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था, ”सीएए को लागू करने के नियम 2024 लोकसभा चुनाव से पहले जारी कर दिए जाएंगे। लाभार्थियों को भारतीय राष्ट्रीयता देने करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी।”

इसके अलावा उन्होंने कहा था, ”सीएए देश का कानून है। इसकी अधिसूचना जरूर जारी होगी। लोकसभा चुनाव से पहले इसे जारी किया जाएगा। इसे लेकर किसी को कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। भारत के पड़ोसी देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देना कांग्रेस नेतृत्व का भी वादा था।”

अमित शाह ने कहा था, ”जब विभाजन हुआ था, उस समय हिंदू, बौद्ध, ईसाई सभी वहां धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने के बाद भारत आना चाहते थे। कांग्रेस नेताओं ने इन्हें भारत की नागरिकता देने का वादा किया था। यह भी कहा था कि आप सभी का स्वागत है, लेकिन कांग्रेस नेता अपने बयान से पीछे हट गए थे।”

शाह ने यह भी कहा था, ”सीएए किसी की नागरिकता छीनने का कानून नहीं है। हमारे मुस्लिम भाइयों को सीएए के मुद्दे पर भड़काया जा रहा है। सीएए के जरिए किसी की नागरिकता नहीं छीनी जा सकती। इस कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। सीएए उन लोगों को नागरिकता देने के लिए बनाया गया है, जो पाकिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक उत्पीड़न का सामना करके भारत आए और यहां शरण ली। इसका किसी को विरोध नहीं करना चाहिए।”

ज्ञात हो कि दिसंबर 2019 में संसद ने सीएए पारित किया। बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई। इसके बाद देश के कुछ हिस्सों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। चार साल से ज्यादा समय के बाद सीएए लागू करने के लिए नियम बनाए जाने जरूरी हैं।

केंद्र सरकार सीएए के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ित उन गैर-मुस्लिम प्रवासियों- हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता देना चाहती है, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए थे।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय