लखनऊ। यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावर ‘वीर सावरकार’ की जीवनी को शामिल किये जाने को लेकर विवाद शुरू हो गया। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। विपक्ष के रवैये पर उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता मोहसिन रजा ने पलटवार किया है।
उप्र हज कमेटी के चेयरमैन मोहसिन रजा ने शुक्रवार को कहा कि हमें क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानी पसंद हैं। हमारी सरकार उनके बारे में देश के भविष्य इन बच्चों को पढ़ाना चाहती है, लेकिन विपक्ष को अपराधी और माफिया पसंद हैं। वह उन्ही माफियाओं को ही महापुरुष के तौर पर पूजना चाहते हैं। विपक्षी दलों की सरकारों में माफियाओं के लिए सत्ता के दरवाजे खुले रहते थे, उसका यह प्रमाण है। उनकी हरकतों को जनता ने देखा है।
उन्होंने कहा कि महान क्रांतिकारी भारत माता के सपूत सावरकर के प्रति विपक्ष के इस रवैये को भी प्रदेश की जनता देख रही है। हम तो यही कहेंगे कि बच्चों को हमारी सरकार सावरकर के बारे में पढ़ाएगी ही, विपक्षियों को खुद से पढ़ना चाहिए। ताकि सावरकार के खिलाफ बोलकर आम जनमानस में वे हंसी के पात्र न बनें।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की माध्यमिक शिक्षा परिषद उप्र (यूपी बोर्ड) के नौवीं से 12वीं तक पाठ्यक्रमों में सावरकार के जीवन परिचय को शामिल किये जाने की तैयारी है। सरकार के इस कदम के खिलाफ विपक्ष की तीखी प्रतिक्रियाएं आयी है।