मुज़फ्फरनगर साइबर क्राइम: फ़ेसबुक पर दोस्ती और 3 करोड़ का निवेश झांसा देने वाला गैंग पकड़ा
मुजफ्फरनगर। साइबर क्राइम पुलिस ने फेसबुक पर दोस्ती और निवेश का झांसा देकर बड़ी ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया। गिरफ्तार आरोपी हैं मौहम्मद माज पुत्र मौहम्मद शब्बर हसन, निवासी लखनऊ, और अम्बरीश मिश्रा पुत्र त्रिलोकीनाथ मिश्रा, निवासी जौनपुर। तीसरा मुख्य आरोपी उपेन्द्र चंदेल, निवासी कानपुर, अभी फरार है।
साइबर सेल ने 29 बैंक खातों की जांच की और पाया कि पैसा लखनऊ, कानपुर और जौनपुर के खातों में गया। ये खाते NGO 'दिशा मानव कल्याण एवं उत्थान समिति' के नाम पर खोले गए थे। इसी NGO के माध्यम से तमिलनाडु, दिल्ली और महाराष्ट्र में भी लगभग 2 करोड़ की ठगी हुई।
साइबर सेल की टीम ने लखनऊ से मौहम्मद माज और अम्बरीश मिश्रा को गिरफ्तार किया। उनसे 3 मोबाइल फोन और फर्जी पहचान पत्र बरामद हुए। पूछताछ में अम्बरीश ने बताया कि वह पहले दिल्ली में काम करता था। कम आय के कारण वह उपेन्द्र चंदेल से मिला और USDT ट्रेडिंग के नाम पर खाते दिए। बाद में खाते होल्ड हो गए और वह पहचान छिपाकर लखनऊ-कानपुर घूमने लगा।
मौहम्मद माज से मिलने के बाद दोनों ने मिलकर NGO के नाम पर फर्जी खाते खुलवाए। 14 सितंबर को वाराणसी में मीटिंग हुई और 16-18 सितंबर को लखनऊ के होटल में ठहरे। ठगी का पैसा ट्रांसफर कराया गया और कमीशन 28-30% बांटा गया।
पुलिस ने अब तक 50 लाख रुपये फ्रीज कराकर पीड़ित सचिन कुमार के खाते में लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बाकी राशि की रिकवरी जारी है। SSP संजय कुमार वर्मा और SP क्राइम इंदु सिद्धार्थ ने टीम को बधाई दी। इंस्पेक्टर सुल्तान सिंह, प्रदीप कुमार, SI गौरव चौहान, धर्मराज यादव और कांस्टेबल बालकिशन, आकाश चौधरी, राहुल कुमार की मेहनत की सराहना की गई।
