लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से रिकॉर्ड तोड़ 38 लाख करोड़ से ज्यादा के एमओयू करने वाली योगी सरकार अब ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) के माध्यम से इस निवेश को धरातल पर उतारने के लिए तैयार है। जिसके सापेक्ष अब तक करीब 6.80 लाख करोड़ रुपए के 8 हजार से अधिक प्रोजेक्ट्स ऐसे हैं जो जीबीसी के माध्यम से धरातल पर उतरने के लिए बिल्कुल रेडी हैं।
सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए सभी विभागों के लिए लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसके सापेक्ष अब तक करीब 6.80 लाख करोड़ रुपए के 8 हजार से अधिक प्रोजेक्ट्स ऐसे हैं जो जीबीसी के माध्यम से धरातल पर उतरने के लिए बिल्कुल रेडी हैं। इनमें 6 हजार से ज्यादा प्रोजेक्ट्स हैं जिनके एमओयू हो चुके हैं, जबकि करीब 2 हजार प्रोजेक्ट्स नॉन एमओयू वाले भी हैं।
उल्लेखनीय है कि योगी सरकार ने करीब 8 हजार एमओयू को जीबीसी के लिए शॉर्टलिस्ट किया है, जिनकी कुल निवेश क्षमता 9 लाख करोड़ से ज्यादा की है। योगी सरकार ने अब तक 26 हजार से ज्यादा एमओयू साइन किए हैं, जिनके माध्यम से 38 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश उत्तर प्रदेश में संभावित है। सरकार की ओर से कुल 33 विभागों को 9 लाख करोड़ से ज्यादा के एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए लक्ष्य दिया गया था। इसमें से सर्वाधिक एक लाख करोड़ से ज्यादा के एमओयू को जीबीसी के लिए रेडी करने में एडिशनल सोर्सेज ऑफ एनर्जी ने सफलता हासिल की है। विभाग ने कुल 503 एमओयू किए थे, जिनकी कुल निवेश क्षमता 8 लाख करोड़ से ज्यादा की थी।
विभाग को जीबीसी के लिए 1.25 लाख करोड़ का लक्ष्य दिया गया था, जिसके सापेक्ष 1.04 लाख करोड़ के 111 प्रोजेक्ट्स ने जीबीसी के माध्यम से निवेश के लिए हामी भर दी है। इस तरह विभाग ने जीबीसी के लिए दिए गए लक्ष्य का 83 प्रतिशत से ज्यादा हासिल कर लिया है। इसी तरह यूपीसीडा ने भी 94 हजार करोड़ से ज्यादा के एमओयू को जीबीसी के लिए रेडी कर लिया है। यूपीसीडा ने कुल 625 एमओयू किए थे, जिनकी निवेश क्षमता 3.45 लाख करोड़ से ज्यादा की है। यूपीसीडा को जीबीसी के लिए 2 लाख करोड़ का लक्ष्य दिया गया था, जिसमें वह अब तक 47 प्रतिशत से ज्यादा लक्ष्य हासिल करने में सफल रहा है।
इसी तरह नोएडा अथॉरिटी भी भारी निवेश कराने के लिए तैयार है। उसने 54 हजार करोड़ के 115 प्रोजेक्ट्स को जीबीसी के लिए रेडी कर लिया है। नोएडा अथॉरिटी ने कुल 426 एमओयू किए थे, जिनकी निवेश क्षमता एक लाख करोड़ से ज्यादा की थी। जीबीसी के लिए उसे 90 हजार करोड़ का लक्ष्य दिया गया था, जिसमें वह 61 प्रतिशत को हासिल करने में सफल हो चुका है। इसके बाद सर्वाधिक निवेश राशि के मामले में हायर एजुकेशन की बारी आती है, जिसने 51 हजार करोड़ के 257 प्रोजेक्ट्स को जीबीसी में उतारने पर सहमित हासिल कर ली है।