नयी दिल्ली। रेल कर्मचारियों के संगठन नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवेमैन (एनएफआईआर) के महासचिव डाॅ एम. रघुवैया और उत्तरी रेलवे मजदूर यूनियन (यूआरएमयू) के महासचिव बी सी शर्मा ने शनिवार को कहा कि जो पार्टियां सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का भरोसा देंगी , इस संगठन के लोग उनको ही वोट देंगे।
डॉ रघुवैया और शर्मा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “ जो पुरानी पेंशन स्कीम लागू करेगा, वही वोट पायेगा। जो भी पार्टी अपने मेनिफेस्टो में यह मुद्दा लायेगी, उसी पार्टी का हम लोग समर्थन करेंगे। ”
शर्मा ने नयी पेंशन योजना (एनपीएस ) की आलोचना करते हुए कहा कि दो दशक से लागू इस योजना के तहत किसी को पेंशन का कोई खास लाभ होने वाला नहीं है।
दोनों नेताओं ने कहा कि रेल कर्मचारियों समेत विभिन्न महासंघों / संघों के साथ एनपीएस के खिलाफ 10 अगस्त (2023) को रामलीला मैदान में महारैली का आयोजन किया जाएगा। रैली में राज्य सरकार के कर्मचारी, रक्षा , चिकित्सक , शिक्षक आदि शामिल होंगे।
इस मौके पर एनएफआईआर के प्रवक्ता एस एन मलिक भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि इस एनपीएस के तहत महज
चार हजार रुपए पेंशन मिल रही है, जबकि पुरानी पेंशन में सेवानिवृत्ति के बाद वेतन के आधे के बराबर पेंशन मिलती थी। उन्होंने कहा कि सरकार के पास करोड़ों रुपए भविष्य निधि का जमा होता है, फिर भी यह लोग नुकसान की बात कर रहे हैं।
रघुवैया ने कहा कि 1972 में उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि पेंशन कर्मचारी का मूल अधिकार है और इससे सरकार इनकार नहीं कर सकती है, फिर भी 2003 में एनपीएस लायी गयी। उन्होंने कहा कि उम्र बढ़ने के साथ स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ती जाती हैं और उस समय पैसों की ज्यादा जरूरत होती है। सेवानिवृत्ति के बाद चार हजार रुपये से अधिक पेंशन नयी पेंशन स्कीम के तहत नहीं मिल रही है। इसके खिलाफ हम लोग विभिन्न महासंघों / संघों के साथ रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन करेंगे, जिसमें देशभर से रेल कर्मचारी शामिल होंगे और संयुक्त मंच की ओर से एनपीएस के खिलाफ और (ओल्ड पेंशन स्कीम) ओपीएस की बहाली के लिए भविष्य में संघर्ष तेज करने का कार्यक्रम घोषित किये जाने की उम्मीद है।