श्रीनगर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कश्मीर घाटी में आतंकी संगठनों और उनकी शाखाओं से जुड़े तेरह स्थानों पर सोमवार को छापेमारी की। एनआईए ने कश्मीर के अनंतनाग, श्रीनगर, पुलवामा, शोपियां और बडगाम जिलों में छापे मारे और आपत्तिजनक सामग्री, दस्तावेज जब्त किए।
एक आधिकारिक ने कहा कि एनआईए ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद, हिज्ब-उल-मुजाहिदीन, अल-बद्र, अल-कायदा सहित कई अभियुक्त पाक समर्थित आतंकी संगठनों के नवगठित ऑफशूट और सहयोगियों से जुड़े हमदर्दों, हाइब्रिड आतंकियों और ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) के तेरह स्थानों पर व्यापक तलाशी ली।
अधिकारी ने कहा कि छापे आतंकी साजिश के मामले में एनआईए की चल रही जांच का हिस्सा थे जिसमें द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ), यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट जम्मू-कश्मीर, मुजाहिदीन गज़वत-उल-हिंद, जम्मू और कश्मीर स्वतंत्रता सेनानी , कश्मीर टाइगर्स, पाफ आदि अनेक विभिन्न नए लॉन्च किए गए संगठनों के समर्थन में ओजीडब्ल्यू और कैडरों की गतिविधियां शामिल थीं।
आतंकवादी और हिंसक गतिविधियों के अलावा ये कैडर और ओजीडब्ल्यू स्टिकी बमों, आईईडी, धन, नशीले पदार्थों और हथियारों, गोला-बारूद के संग्रह और वितरण में शामिल पाए गए।
एनआईए की जांच से पता चला है कि कश्मीर घाटी में इन कैडरों और ओजीडब्ल्यू को ड्रोन के माध्यम से हथियार, विस्फोटक और नशीले पदार्थ पहुंचाने में पाक स्थित गुर्गों को शामिल किया गया था।
अधिकारी ने कहा कि कश्मीर में ओजीडब्ल्यू और कैडरों से जुड़ने के लिए सीमा पार के गुर्गों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा था।
एनआईए ने यह मामला 21 जून, 2022 को दर्ज किया था। यह मामला इन अभियुक्त आतंकी संगठनों द्वारा रची गई साजिश और योजनाओं से संबंधित जानकारी के आधार पर दर्ज किया गया था। षड्यंत्रकारियों का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में स्टिकी बमों, आईईडी और छोटे हथियारों आदि के साथ हिंसक आतंकी हमले करना था, स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर और भूमिगत कार्यकर्ताओं को जुटाकर और तैनात करके आतंक और हिंसा के कृत्यों को अंजाम देने की एक बड़ी साजिश के हिस्से के रूप में है। ऐसे में एनआईए अब तक इस मामले में 70 सर्च ऑपरेशन चला चुकी है।