नई दिल्ली। नीट 2024 के रिजल्ट में कथित तौर पर अनियमितता को लेकर जारी सियासत के बीच एनटीए के डीजी सुबोध कुमार सिंह का बयान सामने आया है। उन्होंने छात्रों को आश्वस्त करते हुए कहा कि ग्रेस मार्क्स पाने वाले अभ्यर्थियों के परिणाम की दोबारा जांच के लिए समिति गठित कर दी गई है और उनकी सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 5 मई को नीट की परीक्षा हुई थी और 4 जून को परीक्षा का रिजल्ट आया। कुछ अभ्यर्थियों ने रिजल्ट को लेकर सवाल उठाए थे। उन अभ्यर्थियों के सवालों को हल कर दिया गया है। ये देश की सबसे बड़ी परीक्षा थी।
नीट परीक्षा में ग्रेस मार्क पाने वाले 1500 से ज्यादा अभ्यर्थियों के परिणाम को एक बार फिर से जांच करने के लिए समिति का गठन किया गया है। ये समिति परीक्षार्थियों की शिकायतों पर विश्लेषण करेगी और समाधान करने की पूरी कोशिश करेगी। उच्च शिक्षा सचिव के. संजय मूर्ति ने कहा कि इस पूरे मामले पर हमारी समिति ने बैठक की और केंद्रों और सीसीटीवी के सभी विवरणों का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने पाया कि कुछ एग्जाम सेंटर्स पर समय की बर्बादी हुई और उम्मीदवारों को इसके लिए मुआवजा दिया जाना चाहिए। समिति ने सोचा कि वे शिकायतों को दूर कर सकते हैं और छात्रों को मुआवजा दे सकते हैं। इसलिए कुछ छात्रों के अंक बढ़ाए गए।
उन्होंने कहा कि हमने सभी चीजों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया और परिणाम जारी किए। इस तरह की समस्याएं 4750 में से 6 केंद्रों तक सीमित थी और 24 लाख में से केवल 1600 अभ्यर्थियों को इस समस्या का सामना करना पड़ा। छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने के कारण कुछ छात्रों की चिंताएं सामने आईं, क्योंकि कुछ उम्मीदवारों को 718 और 719 अंक मिले और 6 उम्मीदवार टॉपर बन गए। उन्होंने आगे कहा कि पूरे देश में इस परीक्षा की शुचिता से समझौता नहीं किया गया है। नीट का कोई पेपर लीक नहीं हुआ है। पूरी परीक्षा प्रक्रिया बहुत पारदर्शी रही है। हम परीक्षा में शामिल होने वाले सभी अभ्यर्थियों को आश्वस्त कराना चाहते हैं कि उनकी चिंताओं को गंभीरता से लिया जा रहा है।