नई दिल्ली। नए संसद में पहले दिन भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल जारी रहा। नए संसद की लोकसभा में पहले वक्ता के तौर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में विपक्षी दलों द्वारा पुराने संसद में किये गए हंगामे और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तरफ इशारा किया।
उन्होंने कहा कि चुनाव तो अभी दूर है, लेकिन जितना समय हमारे पास बचा है, उसमें यहां (नई संसद में) जो जिस तरह का व्यवहार करेगा, वही निर्धारित करेगा कि कौन यहां (सत्ता पक्ष) में बैठने के लिए व्यवहार कर रहा है तो कौन वहां (विपक्ष) में बैठने के लिए व्यवहार कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आने वाले समय में देश यह देखेगा और यह उनके व्यवहार से पता चलेगा। उन्होंने नए भवन के साथ भाव और भावना भी बदलने की नसीहत देते हुए कहा कि संसद दलहित के लिए नहीं है सिर्फ और सिर्फ देश हित के लिए है। सभी को अतीत की हर कड़वाहट को भुला कर आगे बढ़ना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद बोलने के लिए खड़े हुए लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री के व्यवहार वाले कथन पर कटाक्ष करते हुए संसद की गरिमा वाली नसीहत पर कहा कि इस संसद में अभी तक डिप्टी स्पीकर नहीं बना है, जो देश के संसदीय इतिहास में पहली बार हुआ है।
उन्होंने संविधान को पढ़ते हुए लोकतंत्र, स्वतन्त्रता, सर्वधर्म समभाव सहित कई बातों को उठाते हुए कहा कि हमारे लिए संविधान सर्वोपरि है। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद -1 का जिक्र करते हुए कहा कि संविधान में इंडिया और भारत के बीच कोई अंतर नहीं है और इसमें दरार पैदा करने की कोशिश न ही करें तो बेहतर होगा।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिस तरह से दरार पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है उससे लोगों को लग रहा है कि हिंदुत्व तो है ही अब हिन्दीत्व भी आ जायेगा क्या ?