Monday, February 24, 2025

भारत को खुलेपन, अवसरों और विकल्पों के संयोजन के रूप में देखा जा रहा: प्रधानमंत्री

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि पिछले नौ साल में भारतीय अर्थव्यवस्था में वैश्विक आशावाद और विश्वास बढ़ा है। उसी के परिणाम स्वरूप आज भारत को खुलेपन, अवसरों और विकल्पों के संयोजन के रूप में देखा जा रहा है।

प्रधानमंत्री आज वीडियो लिंक के माध्यम से राजस्थान की राजधानी जयपुर में आयोजित जी 20 व्यापार और निवेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले नौ वर्षों के दौरान सरकार के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप भारत पांचवीं सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने कहा, “हमने 2014 में सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन की यात्रा शुरू की।” उन्होंने मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी पहल के साथ देश में नीति स्थिरता का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि सरकार अगले कुछ वर्षों में भारत को तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गुलाबी शहर जयपुर अपने गतिशील और उद्यमशील लोगों के लिए जाना जाता है। व्यापार ने विचारों, संस्कृतियों और प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया है। मोदी ने कहा, “व्यापार और वैश्विकरण ने करोड़ों लोगों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला है।”

महामारी से लेकर भू-राजनीतिक तनाव तक मौजूदा वैश्विक चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसने विश्व अर्थव्यवस्था की परीक्षा ली है। उन्होंने कहा कि जी 20 देशों के रूप में यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश में विश्वास का पुनर्निर्माण करें। प्रधानमंत्री ने लचीली और समावेशी वैश्विक मूल्य श्रृंखला बनाने पर जोर दिया जो भविष्य के झटकों को झेल सके।

प्रधानमंत्री ने ”डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क” का उल्लेख करते हुए इसे एक गेम-चेंजर बताया जो डिजिटल मार्केटप्लेस इको-सिस्टम का लोकतंत्रीकरण करेगा। उन्होंने कहा, “हमने भुगतान प्रणालियों के लिए अपने एकीकृत भुगतान इंटरफेस के साथ पहले ही ऐसा कर लिया है।” डिजिटलीकरण प्रक्रियाओं और ई-कॉमर्स के उपयोग से बाजार पहुंच बढ़ाने की क्षमता है।

उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि समूह ”व्यापार दस्तावेजों के डिजिटलीकरण के लिए उच्च-स्तरीय सिद्धांतों” पर काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ये सिद्धांत देशों को सीमा पार इलेक्ट्रॉनिक व्यापार उपायों को लागू करने और अनुपालन बोझ को कम करने में मदद कर सकते हैं। सीमा पार ई-कॉमर्स में वृद्धि की चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने बड़े और छोटे विक्रेताओं के बीच समान प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक रूप से काम करने का सुझाव दिया। उन्होंने उचित मूल्य खोज और शिकायत प्रबंधन तंत्र में उपभोक्ताओं के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश प्रक्रियाओं में विश्वास बहाल करना एक परिवार के रूप में जी 20 सदस्यों की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वैश्विक व्यापार प्रणाली को धीरे-धीरे अधिक प्रतिनिधिक और समावेशी भविष्य में परिवर्तित करने को सुनिश्चित करने के लिए कार्य समूह सामूहिक रूप से आगे बढ़ेगा।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,854FansLike
5,486FollowersFollow
143,143SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय