बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने मंगलवार को कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता ‘घट’ रही है, जबकि उनकी सरकार के किए काम का असर 30 नवंबर को होने वाले तेलंगाना चुनाव पर पड़ रहा है।
सिद्दारमैया ने सोशल मीडिया पर कहा, “हमारी सरकार की गारंटी योजनाओं की प्रभावशीलता पर व्यापक बहस छिड़ गई है, जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा नेताओं में चिंता पैदा हो गई है, जो हार से डर रहे हैं।”
सिद्दारमैया ने यह भी कहा कि तेलंगाना में यह चुनाव “कांग्रेस बनाम भाजपा की साधारण लड़ाई नहीं है, बल्कि “कांग्रेस की ईमानदारी और बीजेपी के झूठ के बीच का मुकाबला है”।
उन्होंने कहा, “मतदाता इस बात से अच्छी तरह परिचित हैं कि मोदी सरकार नौ वर्षों में अपने वादों का एक अंश भी पूरा करने में विफल रही है, जिससे तेलंगाना में पीएम मोदी के प्रचार अभियान का प्रभाव कम हो गया है। अपने वादों को पूरा करने के प्रति कर्नाटक कांग्रेस सरकार के समर्पण को देखकर तेलंगाना के मतदाताओं में कांग्रेस के प्रति काफी हद तक विश्वास बढ़ा है। राहुल गांधी और एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे नेता अपने सार्वजनिक संबोधनों में शासन के ‘कर्नाटक मॉडल’ को उजागर करके सफलतापूर्वक मतदाताओं को आकर्षित कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “कर्नाटक में हमारी पिछली (2013-18) और मौजूदा सरकार, दोनों की उपलब्धियों को हमारी पार्टी द्वारा परिश्रमपूर्वक प्रचारित किए जाने से समर्थन की लहर पैदा हुई है। कांग्रेस को तेलंगाना में आशा की किरण के रूप में माना जाता है, जो बीआरएस पार्टी और केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा राज्य के लोगों से किए गए वादे पूरेे न किए जाने के बिल्कुल विपरीत है।“
सिद्दारमैया ने कहा कि मोदी की घटती लोकप्रियता, जैसा कि कर्नाटक चुनावों में स्पष्ट दिखा है, तेलंगाना और अन्य राज्यों में नतीजों का पूर्वाभास देती है। उन्होंने दावा किया कि मोदी और अमित शाह द्वारा क्षेत्रीय भाजपा नेताओं को दरकिनार किए जाने से स्थानीय स्तर पर उनकी पार्टी के प्रति विश्वास की कमी हो गई है।
उन्होंने कहा, “तेलंगाना के मतदाता राज्य के गठन में कांग्रेस की जो भूमिका रही है, उसे जानते हैं और बीआरएस की खोखली बयानबाजी और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण उनका मोहभंग हो गया है। मुझे पूरा विश्वास है कि यह अहसास आगामी चुनावों में कांग्रेस की जीत के लिए मंच तैयार करेगा।”