मुजफ्फरनगर। प्रदूषण फैलाने वाले 22 पेपर उद्योगों पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कारण बताओ नोटिस के साथ ही लाखों का जुर्माना भी लगाया है। सबसे अधिक 20 लाख का जुर्माना इंडियन पोटाश लिमिटेड तितावी पर लगाया गया है।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अंकित सिंह ने बताया कि पिछले दिनों शिकायतों के आधार पर कई पेपर उद्योगों में सीपीसीबी के अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया गया था। प्रदूषण फैलाने और खामियां पाए जाने पर उनपर जुर्माने की कार्रवाई करते हुए कारण बताओ नोटिस भी दिया गया है। उन्होंने बताया कि गैलेक्सी पेपर प्राइवेट लिमिटेड, शाकुंभरी पेपर एंड पेपर मिल्स में प्रतिबंधित पॉलीथीन व प्लास्टिक वेस्ट का प्रयोग किए जाने पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। इसके अलावा त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के खिलाफ जल अधिनियम की धारा 33ए के तहत कारण बताओ नोटिस देने के साथ-साथ 7.50 लाख का जुर्माना लगाया गया।
क्षेत्रीय अधिकारी अंकित सिंह ने बताया कि इंडियन पोटाश लिमिटेड तितावी के खिलाफ भी जल अधिनियम की धारा 33ए के तहत कारण बताओ नोटिस के क्रम में 20.10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। इन सहित सभी 22 पेपर उद्योगों को कारण बताओं नोटिस दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि जिले के 553 ईंट-भट्ठों पर निरीक्षण किया गया था। इनमें से कुछ भट्ठों पर खामियां मिलने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सभी भट्ठों से जवाब मांगा गया है, जवाब मिलने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी। कुछ भट्ठों पर भी जुर्माना लगाया गया।