Saturday, April 20, 2024

9 सालों में भारत को देखने का नजरिया बदला,विकसित राष्ट्र के लिए हर क्षण पूरी ताकत से काम करें- मुर्मू

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नयी दिल्ली-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को दोहराते हुए देशवासियों से इसके लिए हर क्षण अपने पूर्ण सामर्थ्य के साथ काम करने की अपील की !

उन्होंने कहा कि विकसित भारत ऐसा हो जिसकी जड़ें अतीत के गौरव के साथ जुड़ी हों और साथ ही उसमें आधुनिकता के सभी संभावित आयाम भी समाहित हों।

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उन्होंने मुश्किल से मुश्किल लक्ष्य को संभव बनाने और भविष्योन्मुखी दृष्टि के साथ कल के काम को आज पूरा करने का आह्वान करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने निर्णय क्षमता का प्रदर्शन किया है जिससे देश में अनेक सकारात्मक बदलाव आये हैं, लोगों का आत्मविश्वास बढा है और दुनिया में भारत को नये नजरिये से देखा जा रहा है।


राष्ट्रपति ने मंगलवार को बजट सत्र के पहले दिन संसद के केन्द्रीय कक्ष में दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को पहली बार संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के अमृतकाल का 25 वर्ष का कालखंड विकसित भारत के निर्माण का कालखंड है और प्रत्येक नागरिक को इसके लिए कर्तव्यों की पराकाष्ठा प्रदर्शित करनी होगी।

श्रीमती मुर्मू ने भ्रष्टाचार को लोकतंत्र तथा सामाजिक न्याय का शत्रु बताते हुए कहा कि सरकार इससे निरंतर लड़ रही है और प्रत्यक्ष लाभांतरण जैसे कदमों तथा बेनामी संपत्ति जब्त करने जैसे कानूनों से इस दिशा में प्रगति हुई है।
उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाने तथा तीन तलाक पर रोक जैसे निर्णयों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार साहसिक फैसले ले रही है , दूरदराज के इलाकों के विकास , आदिवासी और पिछड़ी आबादी के कल्याण के कार्यक्रमों से लोगों की आकांक्षाएं बढी हैं। सरकार के सख्त रूख और विकास की नीतियों से वामपंथी उग्रवाद का भौगोलिक दायरा भी सिमट गया है।

उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवाद को लेकर कड़ा रूख अपनाया है और आज दुनिया भी इसे समझ रही है। भारत की आवाज को विश्व मंच पर गंभीरता से सुना जा रहा है।
राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं में सुधार की जरूरत बताते हुए कहा कि चुनौतीपूर्ण विश्व में कई कारणों से इनकी प्रासंगिकता पर सवाल उठ रहे हैं।

उन्होंने सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा उठाये गये विभिन्न कदमों की सफलता का जिक्र किया और कहा कि मेड इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियानों की सफलता का लाभ देश को मिल रहा है। देश की विनिर्माण क्षमता बढ रही है और विनिर्माण क्षेत्र की विदेशी कंपनी भारत आ रही हैं।

उन्होंने कहा , “ आज हम भारत में ही सेमिकंडक्टर चिप से लेकर हवाई जहाज के निर्माण के लिए प्रयास शुरू कर चुके हैं। ”
श्रीमती मुर्मू ने कहा कि सरकार की नीतियों तथा योजनाओं से रक्षा निर्यात छह गुना बढा है , सेना में स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत का शामिल होना गर्व की बात है। देश मोबाइल का बड़ा निर्यातक बन गया है , खिलौनों के आयात में 70 प्रतिशत की कमी और निर्यात में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

भारत वैश्विक नवाचार सूचकांक में 2015 के 81 वें स्थान से 40 वें स्थान पर आ गया है। देश में 90 हजार स्टार्टअप पंजीकृत हो चुके हैं।

श्रीमती मुर्मू ने कहा कि इस सरकार के आने के बाद देश में हर रोज गरीबों के लिए औसतन 11 हजार अवास बनाये गये, हर रोज 55 हजार से ज्यादा गैस कनेक्शन दिये गये, हर रोज औसतन ढाई लाख लोग ब्राड बैंड कनेक्शन से जुडे। उन्होंने कहा कि बीते आठ-नौ वर्षों में भारत में लगभग हर महीने एक नया मेडिकल कॉलेज बना है, हर दिन दो महाविद्यालय और हर सप्ताह एक विश्वविद्यालय बना है।
सामाजिक अवसंरचना विकास में प्रगति का उल्लेख करते हुए श्रीमती मुर्मू ने कहा कि 2004 से 2014 के बीच जहां देश में 145 मेडिकल कालेज खुले थे वहीं उसके बाद 2022 तक 260 से अधिक नये मेडिकल कालेज खुल चुके हैं और मेडिकल की पढाई कर रहे छात्रों की संख्या अब पहले के मुकाबले दो गुना हो चुकी है। पिछले आठ वर्ष में देश में 300 से अधिक विश्वविद्यालय बने हैं जबकि 2024 से पहले कुल 725 विश्वविद्यालय थे।
उन्होंने इसी तरह राजमार्ग , रेल, विमानन और मेट्रो जैसी सुविधाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्ष में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में 55 प्रतिशत से ज्यादा बढोतरी हुई है। भारतमाला परियोजना के तहत जल्दी ही 550 से ज्यादा जिले हाईवे से जुड़ जायेंगे। अर्थव्यवस्था को गति देने वाले गलियारों की संख्या 6 से बढकर 50 होने वाली है।
राष्ट्रपति ने हरित ऊर्जा के क्षेत्र में देश की प्रगति का भी उल्लेख किया और कहा कि भारत ने उस सोच को भी बदला है जो प्रगति और प्रकृति को परस्पर विरोधी मानती थी। उन्होंने कहा, “ मेरी सरकार ग्रीन ग्रोथ (हरित वृद्धि) पर ध्यान दे रही है और पूरे विश्व को मिशन लाइफ (पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली का अभियान) से जोड़ने पर बल दे रही है। देश में आठ वर्ष में सौर बिजली उत्पादन क्षमता 20 गुना बढी है और आज 40 प्रतिशत बिजली गैर खनिज ईंधन से प्राप्त हो रही है। सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित कर रही है और 27 शहरों में मेट्रो परियोजना पर काम चल रहा है। साथ ही 100 से अधिक जलमार्ग विकसित किये जा रहे हैं।
श्रीमती मुर्मू ने भारत को महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय मंच जी 20 तथा शंघाई सहयोग संगठन की अध्यक्षता का अवसर मिलने , हिन्द प्रशांत क्षेत्र में क्वाड समूह की सदस्यता का उल्लेख करते हुए कहा , “ यह भारत के वैश्विक रिश्तों का बेहतरीन युग है। भारत को लेकर आज जो सद्भाव है उसका लाभ हमें अफगानिस्तान और यूक्रेन में पैदा हुए संकट के दौरान मिला और हम अपने नागरिकों को वहां से सुरक्षित निकालने में सफल रहे। ”
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में महिलाओं की संख्या पहली बार पुरूषों से अधिक पहुंच गयी है और महिलाएं हर मोर्चे पर बढ चढ कर देश को आगे बढाने में अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने कहा , “ ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की सफलता आज हम देख रहे हैं। देश में पहली बार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक हुई है एवं महिलाओं का स्वास्थ्य भी पहले के मुकाबले और बेहतर हुआ है।”
उन्होंने कहा, “ मुझे यह देखकर गर्व होता है कि आज की हमारी बहनें और बेटियां उत्कल भारती के सपनों के अनुरूप विश्व स्तर पर अपनी कीर्ति पताका लहरा रही हैं।” उन्होंने कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी कार्यक्षेत्र में महिलाओं के लिए कोई बंदिश न हो। आज महिलाओं के लिए खनन कार्य से लेकर सेना के अग्रिम मोर्चे तक सभी क्षेत्रों को भर्ती के लिए खोल दिया गया है। सैनिक स्कूलों से लेकर मिलिट्री ट्रेनिंग स्कूलों तक में अब हमारी बेटियां पढाई और प्रशिक्षण कर रही हैं।
श्रीमती मुर्मू ने अपने गृह प्रांत ओड़िशा की सुप्रसिद्ध कवयित्री उत्कल भारती कुंतला कुमारी साबत की सौ वर्ष पहले की पंक्ति का उल्लेख करते हुए कहा , “ वसुंधरा – तले भारत रमणी नुहे हीन नुहे दीन , अमर कीरति कोटि युगे केभें जगतुं नोहिब लीन” यानी भारत की नारी पृथ्वी पर किसी की भी तुलना में न तो दीन है और न ही हीन है तथा संपूर्ण जगत में उसकी अमर कीर्ति युगों युगों तक कभी लुप्त नहीं होगी यानी सदैव बनी रहेगी। ”

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