हैदराबाद- कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि भारत में ‘‘एक अलग ही तरह’’ का जातिगत भेदभाव है और ये संभवतः विश्व में सबसे खराब और इस मुद्दे के समाधान के लिए जाति जनगणना पहली चीज जो करने की जरूरत है।
तेलंगाना की कांग्रेस सरकार छह नवंबर से राज्य में जाति सर्वेक्षण की शुरुआत करने वाली है। इस से संबंध कांग्रेस की तेलंगाना इकाई द्वारा आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि वह तेलंगाना में जाति जनगणना सुनिश्चित करने और राज्य को देश में जाति जनगणना के लिए एक मिसाल बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के जाति सर्वेक्षण में कुछ कमियां हो सकती हैं और इन्हें दूर किया जाएगा।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष गांधी ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस की ओर से संसद में राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना कराने और देश में आरक्षण की 50 प्रतिशत “कृत्रिम सीमा” को दूर करने की प्रतिबद्धता जताई थी।
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि भारत में ‘‘एक अलग ही तरह’’ का जातिगत भेदभाव है और ये संभवतः विश्व में सबसे खराब है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक रूप से यह क्यों नहीं कहा कि वह भारत में भेदभाव के विचार को चुनौती देना चाहते हैं।
गांधी ने पूछा, “प्रधानमंत्री यह पूछने से क्यों डरते हैं कि कॉरपोरेट, न्यायपालिका और मीडिया में कितने दलित, ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग), आदिवासी हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं कोई बहुत विवादास्पद बात नहीं कह रहा। मैं सिर्फ यह कह रहा हूं कि हर कोई स्वीकार करता है कि इस देश में जातिगत भेदभाव है। अब जातिगत भेदभाव की वास्तविक सीमा का पता लगाया जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि जब वह जाति जनगणना की जरूरत के बारे में बात करते हैं तो भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी उन पर देश को बांटने का आरोप लगाते हैं। उन्होंने सवाल किया, ”इस देश की सच्चाई को उजागर करना” देश को विभाजित करना कैसे है?
गांधी ने यह जानने के लिए जाति जनगणना कराने का समर्थन किया कि देश में कितने दलित, ओबीसी, आदिवासी, अल्पसंख्यक, सामान्य जातियां और महिलाएं हैं और संसाधनों का वितरण कैसे किया जाता है।
उन्होंने जाति सर्वेक्षण कराने की पहल के लिए तेलंगाना कांग्रेस के नेतृत्व को धन्यवाद दिया। उन्होंने अधिकारियों द्वारा तैयार की गई एक “नौकरशाही जाति जनगणना” का समर्थन नहीं किया, बल्कि वह चाहते हैं कि दलित, ओबीसी और अन्य लोग पूछे जाने वाले प्रश्नों का निर्णय लें।
उन्होंने कहा, “जाति जनगणना के तहत जो किया जा रहा है वह सिर्फ एक सर्वेक्षण नहीं है बल्कि देश के भविष्य के लिए शासन की एक प्रणाली है।”
गांधी ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी जाति जनगणना की कवायद के साथ देश के लिए प्रगति और विकास की रूपरेखा विकसित करना चाहती है।
उन्होंने लोगों की प्रगति और समृद्धि के लिए भेदभाव की पहचान करने की आवश्यकता पर बल दिया।
राज्य सरकार ने पिछले साल के विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी द्वारा किये गए वादे के अनुसार एक व्यापक सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक, रोजगार, राजनीतिक और जाति सर्वेक्षण कराने की कवायद शुरू कर दी है। सर्वे बुधवार से शुरू होगा।
बैठक में तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी, उनके कैबिनेट सहयोगी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बी. महेश कुमार गौड़ और अन्य नेताओं ने भाग लिया।