गोण्डा। उत्तर प्रदेश में अयोध्या धाम से सटे जिले के गोण्डा संसदीय सीट से सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी लोकसभा चुनाव के लियॆ एक बार फिर मौजूदा भाजपा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया को टिकट देकर जहां एक ओर टिकट को लेकर सभी अटकलों पर विराम लगा दिया वहीं गोण्डा लोकसभा क्षेत्र में चुनावी सरगर्मी बढ़ा दी है।
दरअसल, विकास की बाट जोह रहे गोण्डा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी द्वारा पूर्व सांसद व केंद्रीय मंत्री स्व.बेनी प्रसाद वर्मा की पौत्री श्रेया वर्मा के नाम का ऐलान किये जाने के बाद पिछड़े,यादव व मुस्लिम वोटों को रोकने के लियॆ भाजपा द्वारा इस बार के चुनाव में मनकापुर राजघराने के कुंवर कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया के बजाय किसी ओबीसी या अन्य को टिकट देने के कयास लगाये जा रहे थे लेकिन जिले की उतरौला,गौरा,मनकापुर और मेहनौन विधानसभाओं में राजनीतिक दबदबा कायम रखने वाले राजघराने में लगातार तीसरी बार टिकट देकर बीजेपी ने ये साबित कर दिया कि रामलला ,मोदी और योगी मैजिक संग भाजपा चुनावी दलदल में राजघराने की खाद रमाकर तीसरी बार कमल का परचम लहरायेगी।
भाजपा सांसद मनकापुर राजघराने के कुंवर आनंद सिंह के बेटे कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया ने 1999 में सपा से टिकट हासिल किया और जीत दर्ज की। वर्ष 2001 में भाजपा से बृजभूषण सिंह ने सपा के कृतिवर्धन सिंह को हरा दिया। 2005 में कीर्तिवर्धन सिंह ने सपा से पुनः जीत हासिल की लेकिन साल 2009 में बेनी प्रसाद वर्मा कांग्रेस से मैदान में उतरे और एक दबाओ तीन गिराओ का नारा देकर कीर्तिवर्धन सिंह समेत सभी प्रतिद्वंदियों को चित्त कर जीत दर्ज की। इसके बाद वर्ष 2014 में मोदी की तेज हवाओं का रुख भांपकर राजा भैया साइकिल से उतर पड़े और कमल हाथ में लेकर चुनावी मैदान में कूद पड़े और 2014 व 2019 में लगातार भाजपा से जीत दर्ज कराकर दिल्ली पहुंचते रहे।
हालांकि इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में सभी विपक्षी पार्टियों के धुरंधरों को ओबीसी मुस्लिम व अन्य मैनेज वोटों के सहारे धराशायी करने वाले बेनीबाबू की पौत्री राजा भैया को कड़ी टक्कर दे रही है। जहां एक ओर चुनावी रण को श्रेया अपने बाबा की तरह ओबीसी ,मुस्लिम, यादव व अन्य समाज संग सोशल इंजीनियरिंग कर रोचक बनाने में जुटी है वही अयोध्या से सटे गोण्डा में रामलहर,मोदी -योगी मैजिक और राजघराने के खासे प्रभाव से राजा भैया तीसरी बार दिल्ली का सफर तय करने का दावा कर रहे है। अब देखना है कि भाजपा वाकई सपा-कांग्रेस गठबन्धन को पटखनी दे पायेगी या नतीजा कुछ और होगा।