नयी दिल्ली। इस वर्ष 31 अक्टूबर तक देशभर में 9998 जनऔषधि केंद्र कार्य कर रहे थे और इस परियोजना के तहत इन खूदरा दुकानों पर 1965 तरह की दवाएं और 293 सर्जिकल उपकरण कम मूल्य पर उपलब्ध कराए जा रहे थे।
यह जानकारी राजधानी के प्रगति मैदान में 42वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के स्टॉल पर दिख सकती है।
रसायन एवं ऊर्वरक मंत्रालय के तहत चलायी जा रही इस परियोजना का लक्ष्य देशवासियों को अच्छी गुणवत्ता की दवाएं और चिकित्सकीय सामान उचित दर पर सुलभ करा कर उनकी मदद करना है। मंत्रालय का कहना है कि इनकी कीमत ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50से 90 प्रतिशत कम है ।
प्रगति मैदान में 14 से 27 नवंबर तक चलने वाले व्यापार मेले में जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के स्टॉल हॉल नंबर 5 (स्टॉल नंबर 8बी) में लगाए गए स्टॉल में लगाए गए हैं। इनमें आम जनता को इस परियोजना की उपयोगिता और विशेषताओं से अवगत कराया जा रहा है। लोगों को जन औषधि की सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है।
सरकार का कहना है कि उसने प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना केंद्र की स्थापना और संचालन के लिए आवेदन करने के वास्ते फ्रेंचाइजी जैसे मॉडल और व्यक्तिगत उद्यमियों को भागीदार बनाया है।