नयी दिल्ली -उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अपमानित करने के साथ ही धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोपों से घिरे कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी को सोमवार को बड़ी राहत पहुंचाते हुए जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति बी आर गवाही और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने फारूकी की जमानत अर्जी स्वीकार करने के साथ ही उसके खिलाफ लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में विभिन्न राज्यों में (इस मामले से संबंधित) दर्ज सभी प्राथमिकियों को एक कर उन्हें मध्यप्रदेश में इंदौर के तुकोगंज थाने में स्थानांतरित करने का आदेश पारित किया।
हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के साथ कॉमेडियन फारूकी पर अपने एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री श्री शाह को अपमानित करने वाले शब्दों के इस्तेमाल के भी आरोप हैं।
कॉमेडियन फारुकी ने इंदौर में एक शो के दौरान कथित तौर पर हिंदू देवी-देवताओं को अपमानित करने वाले शब्दों का इस्तेमाल किया था। एक शिकायत के आधार पर मध्य प्रदेश पुलिस ने एक जनवरी 2021 को उसे गिरफ्तार किया था।
फारुकी ने निचली अदालत में जमानत याचिका खारिज होने के बाद मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जहां उसे निराशा हाथ लगी थी। उसने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील दायर की थी।
फारूकी के वकील ने तर्क दिया कि एफआईआर को इंदौर स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वहां उनके मुवक्किल की सुरक्षा को खतरा है। पीठ ने मौखिक रूप से कहा: इंदौर एक सुरक्षित शहर है। यह मुंबई के करीब भी है। एफआईआर को इंदौर स्थानांतरित करने में क्या समस्या है?
वकील ने बेंच से एफआईआर को क्लब करने और उन्हें मुंबई या दिल्ली स्थानांतरित करने का आग्रह किया, न कि इंदौर या प्रयागराज में। उन्होंने कहा कि भारी भीड़ थी और इन शहरों में उनके मुवक्किल की सुरक्षा को लेकर खतरा था।
दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा, तथ्यों और परिस्थितियों और इस अदालत के पिछले आदेश को ध्यान में रखते हुए, हम सभी शिकायतों को इंदौर के एक पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित करने के इच्छुक हैं।
पीठ ने कहा कि जहां तक इसे रद्द करने की प्रार्थना है, उसने इस मामले के गुण-दोष पर विचार नहीं किया है। याचिकाकर्ता कानून के तहत अनुमत ऐसी कार्यवाही शुरू करने के लिए स्वतंत्र है।
शीर्ष अदालत ने फरवरी में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के जमानत देने से इनकार के आदेश पर रोक लगाते हुए फारूकी को अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया था। एक भाजपा विधायक के बेटे ने फारुकी व अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
प्राथमिकी के मुताबिक, यह टिप्पणी जनवरी 2021 में इंदौर के एक कैफे में आयोजित एक कॉमेडी शो में की गई थी। आरोप है कि शो में हिंदू देवी-देवताओं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर मजाक किया गया था।