Sunday, September 8, 2024

बलरामपुर में नरभक्षी तेंदुए का आतंक, पांच मासूमों को बनाया शिकार

बलरामपुर। उत्तर प्रदेश में भारत नेपाल सीमा से लगे बलरामपुर जिले के सोहेलवा वन्यजीव संरक्षित क्षेत्र से सटे रिहायशी ग्रामीण इलाकों में जंगल से भटक कर आये नरभक्षी तेंदुये के जारी हमले में विगत माह से अब तक पांच बच्चों की जान जाने से ग्रामवासी खौफजदा है जबकि कई ग्रामीण घायल हो चुके है।

जिला प्रभागीय वनाधिकारी एम. सेम्मारन ने रविवार को बताया कि आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए पूरे इलाके में ड्रोन से भी निगरानी कर, पिंजड़े भी लगाए गए हैं। ऐसे में जब तक तेंदुआ पकड़ में नहीं आता, ग्रामीणों को भी पूरी सतर्कता बरतने के लिए जागरूक किया जा रहा है। जौनपुर जिले से आई विशेषज्ञ टीम को भी तेंदुए को पकड़ने में लगाया गया है।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

इधर, बीती रात पचपेड़वा विकास खण्ड के अन्तर्गत ग्राम पंचायत भगवानपुर कोरड़ में 8 वर्षीय मासूम बच्ची मुन्नी को तेंदुए ने अपना निवाला बना लिया। काफी खोजबीन के बाद बच्ची का क्षतविक्षत शव झाड़ियों से मिला है। इसके पूर्व खूंखार तेंदुए की चपेट में आये ललिया के परसहवा इलाके में अपने घर जा रहे धनराज उनकी बहू लक्ष्मी और पोती(5) को रास्ते में तेंदुए नें हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया। ग्राम प्रधान जोगिंदर थारू के अनुसार,तेंदुए के हमले में गत 4 नवम्बर को लालनगर सिपहिया गांव की रहने वाली तीन वर्षीय मासूम बच्ची नंदनी शिकार हो गयी।

गत 11 नवम्बर को लालनगर सिपहिया गांव में ही छह वर्षीय अरुण वर्मा घर के बाहर खेलते समय तेंदुए का निवाला बन गया। ग्रामीणों नें बताया कि सोहेलवा वन्य जीव प्रभाग के रामपुर रेंज के रजडेरवा थारू के मजरे बनकटवा गांव में शुक्रवार को पांच वर्षीय रितेश को अपना निवाला बना डाला। जोगिहवा गांव निवासी रमेश कुमार का बेटा रितेश बनकटवा में अपने नाना खुशहाल के यहां आया था। वह सुबह करीब आठ बजे अपने नाना के साथ शौच के लिए जंगल के किनारे गया था।इसी दौरान घात लगाये तेंदुआ झपट्टा मारकर उसे जंगल की ओर खींच ले गया। ग्रामीणों के शोर मचाने पर तेंदुआ बालक का क्षत-विक्षत शव छोड़ कर भाग गया। शनिवार को पुलिस ने रितेश के शव का पोस्टमार्टम कराया। इसी प्रकार हरैया थानाक्षेत्र के बेलवा गांव में खेल रहे सात वर्षीय विकास को तेंदुए नें अपना शिकार बना लिया। उन्होंने बताया कि तेंदुए के भय से सोनगढा, मुतेहरा, रजडेरवा के लोग घने जंगल से होकर अपने घर तक पहुंचते हैं।

इसके अलावा गढ़वा, सहियापुर, रजवापुर, लक्ष्मनपुर, शंकरपुर, सोहेलव, अमरहवा और अहलादडील सहित दर्जन भर गांवों में तेंदुए का खौफ फैला है।
जानकारों का कहना है कि जंगल में मानव आबादी का दखल बढ़ा है। जंगल में बंदर और कुत्तों की आबादी कम हो गई है। ये दोनों जानवर तेंदुए का प्रिय आहार होते हैं। इनकी तलाश में तेंदुए गांवों में आते रहते हैं। तेंदुए से भयभीत प्रभावित गांवों के लोग दिनरात लाठी लेकर रखवाली कर रहे है जबकि वनरक्षक बराबर झाड़ियों में कांबिंग व सर्चिंग में जुटे है।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,334FansLike
5,410FollowersFollow
107,418SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय